मुस्लिम पतियों संग रहेंगी हिन्दू महिलाएं
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कथित अपहरण के बाद जबरन धर्मपरिवर्तन और मुस्लिम पुरूषों से विवाह के मामले मे पीडित तीन हिन्दू महिलाओं ने बुधवार को अपने परिवारों की जगह अपने मुस्लिम पतियों के साथ ही रहने की इच्छा जताई।
इस मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिकार खान की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खण्डपीठ ने तीनों महिलाओं रिंकल कुमारी उर्फ फरयाल बीबी, लता कुमारी उर्फ हफसा बेगम और आशा कुमारी उर्फ हलीमा बेगम को यह अधिकार दिया था कि वे खुद यह फैसला करके रजिस्ट्रार कार्यालय को बताएं कि वे अपने परिवार या मुस्लिम पतियों में से किसके साथ रहना चाहती हैं।
पाकिस्तान में पंजाब के सिंध प्रांत में हिन्दू लड़कियों और महिलाओं के कथित रूप से अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की सूचना के बाद ये तीनों महिलाएं विवाद के घेरे में आ गई थीं।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कथित अपहरण के बाद जबरन धर्मपरिवर्तन और मुस्लिम पुरूषों से विवाह के मामले मे पीडित तीन हिन्दू महिलाओं ने बुधवार को अपने परिवारों की जगह अपने मुस्लिम पतियों के साथ ही रहने की इच्छा जताई।
इस मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिकार खान की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खण्डपीठ ने तीनों महिलाओं रिंकल कुमारी उर्फ फरयाल बीबी, लता कुमारी उर्फ हफसा बेगम और आशा कुमारी उर्फ हलीमा बेगम को यह अधिकार दिया था कि वे खुद यह फैसला करके रजिस्ट्रार कार्यालय को बताएं कि वे अपने परिवार या मुस्लिम पतियों में से किसके साथ रहना चाहती हैं।
पाकिस्तान में पंजाब के सिंध प्रांत में हिन्दू लड़कियों और महिलाओं के कथित रूप से अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की सूचना के बाद ये तीनों महिलाएं विवाद के घेरे में आ गई थीं।
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