शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

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सरकार की मंशा नरेगा के बजट में सांसदों के कोष से सहयोग श्रम-सामग्री
बाड़मेर अब लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्यों के खजाने में सरकार से मिलने वाली राशि से महात्मा गांधी नरेगा में भी कार्य हो सकेंगे। केन्द्र सरकार ने नरेगा के साथ सांसद निधि के उपयोग की अनुमति जारी कर दी है।


सरकार की मंशा नरेगा के बजट में सांसदों के कोष से सहयोग श्रम-सामग्री अनुपात 60:40 रखते हुए स्थाई परिसम्पत्तियों का निर्माण कराने की है। इस सम्बन्ध में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के आयुक्त एवं शासन सचिव अभय कुमार ने 18 अप्रेल को जिला कलक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। कुमार ने कलक्टरों को सांसद निधि से नरेगा में कार्य कराने के बारे में केन्द्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के निदेशक के पत्र की प्रतिलिपि भी भेजी है। कुमार ने सांसद निधि के साथ अभिसरण के माध्यम से नरेगा के ऎसे कार्य कराने पर जोर दिया है, जिन पर सामग्री मद में अधिक व्यय संभावित है।सांसद अनुशंसा किए जाने वाले वर्ष के लिए जिला परिषद द्वारा अनुमोदित नरेगा परियोजनाओं की सूची के कार्योü के साथ सांसद निधि के अभिसरण की सिफारिश कर सकते हैं। सूची नरेगा के तहत अनुमोदित कार्ययोजना तैयार करने वाले जिला कार्यक्रम समन्वयक से स्वीकृत करानी होगी। यथासंभव सांसद निधि की राशि का उपयोग केवल सामग्री घटक के सम्बन्ध में ही किया जाएगा। ftyk dysDVj Mk-oh.kk iz/kku us crk;k fd ऎसे कार्योü के व्यय सम्बन्धी खाते नरेगा एवं सांसद निधि दोनों के लिए अलग-अलग रखने होंगे। ऎसे कार्योü पर नरेगा से जुड़ी शर्तेü-कोई ठेकेदार नहीं, मशीनरी का उपयोग नहीं, सामाजिक लेखा परीक्षा अनिवार्य आदि लागू होगी। जिला परिषद ऎसे कार्योü के लिए ग्राम पंचायत को कार्यकारी एजेन्सी के रूप में नियुक्त करेगी।




बाड़मेर में रोजाना पौने दो लाख बैरल तेल का उत्पादन शुरू-- देश में उत्पादन होने वाले कुल तेल का एक चौथाई तेल बाड़मेर से


बाड़मेर मंगला ऑयल फील्ड में ओएनजीसी और केयर्न इंडिया ने रोजाना पौने दो लाख बैरल तेल का उत्पादन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही देश का कुल उत्पादन में से एक चौथाई तेल बाड़मेर बेसिन में उत्पादित होने लगा है। नए आंकलन के मुताबिक बाड़मेर सांचोर बेसिन में 7.3 अरब बैरल तेल का भंडार होनेे का अनुमान है। इससे रोजाना तीन लाख बैरल तेल उत्पादन होने की उम्मीद को बल मिला है।


केयर्न प्रवक्ता के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय के मंगला फील्ड में रोजाना पच्चीस हजार बैरल तेल उत्पादन बढ़ाने की मंजूरी जारी होते ही शुक्रवार को डेढ़ लाख बैरल तेल उत्पादन शुरू कर दिया गया। इसके साथ भाग्यम में रोजाना 25 हजार बैरल तेल का उत्पादन हो रहा है। मंगला व भाग्यम ऑयल फील्ड में रोजाना पौने दो लाख बैरल तेल का दोहन होन लगा।


कंपनी के वार्षिक परिणामों की घोषणा के साथ ही तेल उत्पादन बढ़ाने के एलान के साथ ही बाड़मेर बेसिन में कुल 7.3 अरब बैरल तेल भंडार होने का अनुमान बताया है। पूर्व में 6.5 अरब बैरल तेल भंडार होने का अनुमान बताया गया था,लेकिन हाल ही में नई खोज और पुरना आकंलन करने पर तेल भंडार में बढ़ोतरी के संकेत मिले है। इससे बाड़मेर बेसिन में रोजाना तीन लाख बैरल तेल का उत्पादन करने की उम्मीद नजर आने लगा है। कंपनी ने हालांकि अभी तक शीर्ष में 2 लाख 40 हजार बैरल तेल उत्पादन करने का एलान किया है,मगर सरकार को तीन लाख बैरल तेल उत्पादन करने का अनुमान जता चुकी है।

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