सांसद के शव को बता दिया लावारिस!
नई दिल्ली। अगर पुलिस किसी सांसद के शव को लावारिस बता दे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी के साथ पुलिस कैसा बर्ताव करती होगी। दिल्ली पुलिस ने सपा सांसद ब्रज भूषण तिवारी के शव को लवारिस बताकर मुर्दाघर में लावारिस शवों के बीच रख दिया। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सपा सांसद मोहन सिंह ने शुक्रवार को संसद यह मामला उठाया।
मोहन सिंह ने आरोप लगाया कि बापू जगजीवन राम अस्पताल में सपा सांसद ब्रज भूषण तिवारी के शव को लावारिस समझ कर 20 लाशों के बीच रख दिया गया। सरकार ने मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। मोहन सिंह ने कहा कि 24 तारीख को तिवारी की तबीयत अचनाक खराब हो गई। वह शालीमार बाग में रहते थे। दिल का दौरा पड़ने पर उन्होंने वॉच मैन को मदद की गुहार लगाई। वॉचमैन ने पुलिस को बुलाया। पुलिस तिवारी को लेकर बापू जगजीवन अस्पताल ले गई। वहां उनकी मौत हो गई। पुलिस ने उनके शव को अस्पताल में पड़े 20 लावारिस लाशों के बीच रखवा दिया गया।
तिवारी के निधन की खबर मिलने पर अगले दिन सुबह 7 बजे मोहन सिंह अस्पताल पहुंचे। सिंह ने अस्पताल के कर्मचारियों से कहा कि उनके पार्टी के एक नेता का निधन हो गया है वे उनके शव को देखना चाहते हैं इस पर अस्पताल वाले एक मुर्दाघर में ले गए जहां लावारिस लाशों के बीच तिवारी का शव पड़ा हुआ था।
नई दिल्ली। अगर पुलिस किसी सांसद के शव को लावारिस बता दे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी के साथ पुलिस कैसा बर्ताव करती होगी। दिल्ली पुलिस ने सपा सांसद ब्रज भूषण तिवारी के शव को लवारिस बताकर मुर्दाघर में लावारिस शवों के बीच रख दिया। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सपा सांसद मोहन सिंह ने शुक्रवार को संसद यह मामला उठाया।
मोहन सिंह ने आरोप लगाया कि बापू जगजीवन राम अस्पताल में सपा सांसद ब्रज भूषण तिवारी के शव को लावारिस समझ कर 20 लाशों के बीच रख दिया गया। सरकार ने मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। मोहन सिंह ने कहा कि 24 तारीख को तिवारी की तबीयत अचनाक खराब हो गई। वह शालीमार बाग में रहते थे। दिल का दौरा पड़ने पर उन्होंने वॉच मैन को मदद की गुहार लगाई। वॉचमैन ने पुलिस को बुलाया। पुलिस तिवारी को लेकर बापू जगजीवन अस्पताल ले गई। वहां उनकी मौत हो गई। पुलिस ने उनके शव को अस्पताल में पड़े 20 लावारिस लाशों के बीच रखवा दिया गया।
तिवारी के निधन की खबर मिलने पर अगले दिन सुबह 7 बजे मोहन सिंह अस्पताल पहुंचे। सिंह ने अस्पताल के कर्मचारियों से कहा कि उनके पार्टी के एक नेता का निधन हो गया है वे उनके शव को देखना चाहते हैं इस पर अस्पताल वाले एक मुर्दाघर में ले गए जहां लावारिस लाशों के बीच तिवारी का शव पड़ा हुआ था।
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