शनिवार, 28 अप्रैल 2012

शोभायात्रा का फूल बरसा किया स्वागत


शोभायात्रा का फूल बरसा किया स्वागत

बाड़मेर   मां नागणेचियां शक्ति पीठ थूंबली में प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में शुक्रवार को शोभायात्रा निकाली गई । पांच किलोमीटर तक चली कलश यात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया।

सुबह आठ बजे शुरू हुई शोभायात्रा से पहले वैदिक मंत्रोच्चार से देवी प्रतिमाओं को सजे धजे रथ में विराजमान किया गया। कोटड़ा के महंत केदार गिरि महाराज के सान्निध्य में मां नागणेचियां स्वरूपा सात कन्याओं के कलश की पूजा कर विधि विधान से मां के जयकारों के साथ शोभायात्रा मंदिर परिसर से रवाना हुई। महिलाओं ने कलशयात्रा में उत्साह व श्रद्धा से भाग लिया।

समारोह संयोजक कानसिंह व कूंपसिंह थूंबली ने बताया कि शोभायात्रा में थूंबली सहित आसपास के गांवों से भी श्रद्धालुओं ने शिरकत की। समन्वयक दीपसिंह रणधा ने बताया कि शोभायात्रा के दौरान बैंडबाजों के साथ 21 महिलाएं कलश लिए कीर्तन करती हुए चलीं। शोभायात्रा में देवी-देवताओं की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। थूंबली गांव के पवित्र जलाभिषेक के बाद भजनों और गगनभेदी जयकारों से माहौल धर्ममय रहा। इस दौरान शीतल, मीठे पेयजल, शर्बत का लाभ ठा.पदमसिंह और वीरसिंह थूंबली ने लिया।

बही भजनों की सरिता

शोभायात्रा की पूर्व संध्या माडपुरा पार्टी के कलाकार जोगाराम प्रजापत ने गुरूवार रात आयोजित भजन संध्या में भजनों की प्रस्तुतियां दी जिसे सुनने के लिए रातभर श्रद्धालु जमे रहे। भजन संध्या में गायक दीपसिंह रणधा ने कबीर निर्गुण भजनों से देर रात तक श्रोताओं को बांधे रखा। महिला गायक लेहरी देवी प्रजापत ने राणी रूपादे बेल व मीरा के भजनों से श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। कवि गोपालदास नींबला ने देवी स्तुतियां प्रस्तुत की। भजन संध्या का शुभारंभ कोटड़ा महंत केदार गिरि तथा इंद्रदान, गंगासिंह, मानाराम सहित बुजुर्गों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। डिंगल काव्य में आम्वाष्टक स्तुति कवि दीपसिंह रणधा 'दीप' ने छंद लय के साथ प्रस्तुत की।

सजा मां का दरबार

प्राण -प्रतिष्ठा महोत्सव में मां नागणेचियां देवी के मंदिर को फूलमालाओं और बिजली के रंगीन बल्बों से सजाया गया। व्यवस्थापक खुमाणसिंह भाटी और रामाराम प्रजापत ने बताया कि कड़ी धूप के बावजूद दोपहर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ पहुंचे। भजन संध्या में देर रात तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। गायक कालूसिंह गंगासर ने रात्रि जागरण में लोक भजन काठियावाड़ी व गुजराती भजनों की प्रस्तुति दी। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़ ने बताया कि अल्पाहार का पुण्य लाभ जगमालराम, मानाराम प्रजापत थूंबली ने तथा दोनों समय भोजन प्रसादी का पुण्य लाभ कूंपसिंह झाला, मधुसिंह भंवरिया महाबार ने अर्जित किया। शाम को आयोजित डिंगल कवि सम्मेलन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। वहीं बाड़मेर-जैसलमेर के चारण कवियों ने डिंगल काव्य, छंद की प्रस्तुति दी।

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