पत्र में प्रशिक्षु महिलाओं ने लिखा है कि होली के दूसरे दिन रात में रोल चैक के बहाने थानेदार शिवलाल, हवलदार शोभाराम व सिपाही शिवलाल दो-तीन जनों के साथ हॉस्टल में आए। यहां से वे तीन-चार लड़कियों को सामने वाले हॉस्टल में ले गए। उस हॉस्टल में कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। वहां उन लड़कियों के साथ सभी ने ज्यादती की। इसके बाद चुप रहने के लिए यह कहकर डराया कि उन्होंने पहले भी क्वार्टर गार्ड में ज्यादती की थी। इसकी शिकायतें भी हुई, लेकिन हमारा कुछ नहीं बिगड़ा।
पत्र में यह भी कहा गया कि ये लोग हॉस्टल की लाइटें जानबूझ कर बंद कर देते हैं, फिर हवलदार शोभाराम आदि हॉस्टल में घुस कर लड़कियों को अपने साथ ले जाते हैं।
जोधपुर में कोई सुनवाई नहीं
लड़कियों ने लिखा कि लाइन में कोई रिजर्व इंस्पेक्टर (आरआई) नहीं है। कई महिला अफसर होने के बाद भी हॉस्टल में पुरुष पुलिसकर्मियों को लगाया जाता है। कक्षाओं व कम्प्यूटर ट्रेनिंग पर जाने के दौरान ट्रक ड्राइवर जानबूझ कर ब्रेक लगा कर उन्हें गिराता है, फिर सिपाही शिवलाल और उसके साथ रहने वाले दो-तीन लड़के (जो पुलिस में नहीं हैं) उन्हें उठाने के बहाने छेड़छाड़ करते हैं। एलओ शिवलाल उन्हें गलत संबंध बनाने के लिए दबाव डालते हैं। इनडोर इंचार्ज आजाद कलाम भी अशोभनीय हरकतें करते हैं तथा एलओ के पास जाने के लिए मजबूर करते हैं। ये लड़कियां 23 मार्च की रात डीजीपी से मिल कर शिकायत करना चाहती थीं, मगर उन्हें धमका कर वापस हॉस्टल में भेज दिया गया। महकमे के मुखिया से गुहार
इन लड़कियों ने डीजीपी को लिखा, 'हम गरीब लड़कियां हैं। यहां ये लोग हमारी आबरू से खेल रहे हैं। जयपुर ग्रामीण लाइन में आरआई ने जब महिला सिपाही की इज्जत पर हाथ डाला तो आपने उसे गिरफ्तार करवा कर जेल भिजवा दिया। हम काफी दुखी हैं। घर पर बता नहीं सकते और पत्र में नाम भी नहीं लिख सकते। नौकरी करना मजबूरी है। क्या ये लोग उनका ऐसे ही शोषण करते रहेंगे? आप हमारे माई-बाप हैं, आप नहीं सुनेंगे तो कौन सुनेगा?' लड़कियों ने इन चारों को ट्रेनिंग पूरी होने तक पुलिस लाइन से बाहर कर महिला अफसरों को लगाने की मांग भी की है। मुझे कोई जानकारी नहीं
मुझे प्रशिक्षु महिला सिपाहियों की शिकायत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। आपने शिकायत का मजमून बताया है, उस पर इतना ही कह सकता हूं कि मैंने कभी ऐसी हरकतें नहीं की।
-आजाद कलाम, इनडोर इंचार्ज अफसरों को दूंगा जवाब
जो भी आरोप लगाए गए हैं, मुझे उन पर कुछ नहीं कहना है। अफसर जांच कर रहे हैं, वे पूछेंगे तो जवाब दे दूंगा। फिलहाल मैं छुट्टी पर जा रहा हूं। -शिवलाल, एलओ, पुलिस लाइन यह बेहद संवेदनशील व गोपनीय मामला है, इसलिए कुछ बताया नहीं जा सकता। हां, शिकायती पत्र की कॉपी मेरे पास आई है। जांच की जा रही हैं।
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