जोधपुर. भंवरी प्रकरण में वांछित इंद्रा विश्नोई के खिलाफ सीबीआई की ओर से बासनी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 174ए के तहत मामला दर्ज करवाया गया है। इस मामले में इंद्रा विश्नोई को कम से कम तीन से लेकर सात साल तक की सजा होना तय है। इस धारा के तहत किसी के खिलाफ इनाम की घोषणा, गिरफ्तारी वारंट व मफरूर अफराधी घोषित करने के बावजूद हाजिर नहीं होने पर ही मामला दर्ज किया जाता है।
बासनी पुलिस ने बताया कि सीबीआई के निरीक्षक विशाल शर्मा की ओर से भेजी गई एक रिपोर्ट मिली है। इसमें बताया गया कि भंवरी प्रकरण में वांछित आरोपी इंद्रा विश्नोई के खिलाफ इनाम की घोषणा, गिरफ्तारी वारंट, मफरूर अपराधी घोषित किया जा चुका है। इन सबके बावजूद वह सीबीआई के समक्ष उपस्थित नहीं हुईं। यहां तक कि वह न्यायालय आदेश के अवहेलना की भी दोषी है। ऐसी परिस्थितियों में उसके खिलाफ भंवरी प्रकरण के अतिरिक्त एक और मामला दर्ज करवाया गया है।
क्या है आईपीसी 174ए
आमतौर पर पुलिस व अन्य एजेंसियां आईपीसी की धारा 174ए का उपयोग नहीं करती हैं। विशेष परिस्थितियों में अधिनियम 2 (1974), सेक्शन 82 के तहत उद्घोषणा के बावजूद उपस्थित नहीं होने वाले आरोपियों के खिलाफ इस धारा का उपयोग किया जाता है। इस धारा के तहत मामला दर्ज होने का आधार ही नामजद आरोपी को सजा करवाने के लिए पर्याप्त माना जाता है। इस प्रकरण की न्यायालय में अलग ट्रायल चलती है। इसमें 3 या 7 साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है।
बासनी पुलिस ने बताया कि सीबीआई के निरीक्षक विशाल शर्मा की ओर से भेजी गई एक रिपोर्ट मिली है। इसमें बताया गया कि भंवरी प्रकरण में वांछित आरोपी इंद्रा विश्नोई के खिलाफ इनाम की घोषणा, गिरफ्तारी वारंट, मफरूर अपराधी घोषित किया जा चुका है। इन सबके बावजूद वह सीबीआई के समक्ष उपस्थित नहीं हुईं। यहां तक कि वह न्यायालय आदेश के अवहेलना की भी दोषी है। ऐसी परिस्थितियों में उसके खिलाफ भंवरी प्रकरण के अतिरिक्त एक और मामला दर्ज करवाया गया है।
क्या है आईपीसी 174ए
आमतौर पर पुलिस व अन्य एजेंसियां आईपीसी की धारा 174ए का उपयोग नहीं करती हैं। विशेष परिस्थितियों में अधिनियम 2 (1974), सेक्शन 82 के तहत उद्घोषणा के बावजूद उपस्थित नहीं होने वाले आरोपियों के खिलाफ इस धारा का उपयोग किया जाता है। इस धारा के तहत मामला दर्ज होने का आधार ही नामजद आरोपी को सजा करवाने के लिए पर्याप्त माना जाता है। इस प्रकरण की न्यायालय में अलग ट्रायल चलती है। इसमें 3 या 7 साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें