आखिरी छोर तक पानी पहुंचाएगी 'जल सेना'
पानी के इंतजाम को लेकर बनाई 80 अधिकारियों की टीम
आगामी दिनों में भीषण गर्मी की आशंका के चलते उठाया कदम
ढाणी तक होगी मॉनिटरिंग, मुख्यालय पर बनाया कंट्रोल रूम
कलेक्टर की अनूठी पहल
बाड़मेर गर्मी के दिनों में थार के आखिरी छोर में बैठे वाशिंदों को पीने का पानी मुहैया करवाने के लिए कलेक्टर डॉ. वीना प्रधान ने जल सेना का गठन किया है। इस जल सेना में अस्सी टुकडिय़ां शामिल है। जिनकी कमान आला प्रशासनिक अधिकारी संभालेंगे और सेना में हर विभाग के कर्मचारी व अधिकारी शामिल होंगे।
अमूमन हर साल गर्मी के दिनों में जिले के हर हिस्से में पानी को लेकर त्राहि -त्राहि मचने लगती है। अंतिम छोर पर बैठे ग्रामीणों के सामने तो पानी की उपलब्धता आज भी सपना है। जलदाय विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही और जनता के लिए किसी का जवाबदेह का नहीं होना, समस्या को और बढ़ा देता है। हजारों मवेशी काल कलवित हो जाते है। ऐसे में पशुपालन आधारित आजीविका कमाने वाले लोगों को लिए खुद अपने और अपने मवेशियों के लिए पानी का इंतजाम करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
॥जिस इलाके में जो अधिकारी तैनात होगा उसके लिस्ट मय नंबर के वहां सरकारी भवनों में चस्पा होगी। इससे ग्रामीणों को इस बात की आसानी होगी कि वे अपनी शिकायत कहां करे। मुख्य कंट्रोल रूम से भी इस बारे में जानकारी मिल सकेगी कि किसे शिकायत करें। पानी पहुंचाने में जहां लापरवाही होगी वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी।' डॉ. वीना प्रधान, कलेक्टर
पानी के इंतजाम को लेकर बनाई 80 अधिकारियों की टीम
आगामी दिनों में भीषण गर्मी की आशंका के चलते उठाया कदम
ढाणी तक होगी मॉनिटरिंग, मुख्यालय पर बनाया कंट्रोल रूम
कलेक्टर की अनूठी पहल
बाड़मेर गर्मी के दिनों में थार के आखिरी छोर में बैठे वाशिंदों को पीने का पानी मुहैया करवाने के लिए कलेक्टर डॉ. वीना प्रधान ने जल सेना का गठन किया है। इस जल सेना में अस्सी टुकडिय़ां शामिल है। जिनकी कमान आला प्रशासनिक अधिकारी संभालेंगे और सेना में हर विभाग के कर्मचारी व अधिकारी शामिल होंगे।
अमूमन हर साल गर्मी के दिनों में जिले के हर हिस्से में पानी को लेकर त्राहि -त्राहि मचने लगती है। अंतिम छोर पर बैठे ग्रामीणों के सामने तो पानी की उपलब्धता आज भी सपना है। जलदाय विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही और जनता के लिए किसी का जवाबदेह का नहीं होना, समस्या को और बढ़ा देता है। हजारों मवेशी काल कलवित हो जाते है। ऐसे में पशुपालन आधारित आजीविका कमाने वाले लोगों को लिए खुद अपने और अपने मवेशियों के लिए पानी का इंतजाम करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
॥जिस इलाके में जो अधिकारी तैनात होगा उसके लिस्ट मय नंबर के वहां सरकारी भवनों में चस्पा होगी। इससे ग्रामीणों को इस बात की आसानी होगी कि वे अपनी शिकायत कहां करे। मुख्य कंट्रोल रूम से भी इस बारे में जानकारी मिल सकेगी कि किसे शिकायत करें। पानी पहुंचाने में जहां लापरवाही होगी वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी।' डॉ. वीना प्रधान, कलेक्टर
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