म्हारौ प्यारो नंदलाल किशोरी राधे....
बाड़मेर। म्हारौ प्यारो नंदलाल किशोरी राधे राधे.. की संगीतमय मधुर प्रस्तुति के साथ राधाकृष्ण महाराज ने वृंदावनधाम में सैकड़ों श्रोताओं को भक्तिभाव से विभोर करते हुए रविवार को नैनी बाई रो मायरो कथा का वाचन प्रारंभ किया। भजनों पर भक्त करताल से उनका साथ देते नजर आए, प्रसंगों को भावप्रिय होकर सुना, मर्म की बात पर गंभीरता और विनोद पर मुस्कराने के साथ पहले दिन की कथा आगे बढ़ी।
राधाकृष्ण महाराज ने गोसेवा के प्रयोजनार्थ आयोजित इस कथा को परमपुण्य बताते हुए इसे रामनवमी के पर्व से जोड़ा। उन्होंने कहा कि विष्णु भगवान जब राम अवतार के लिए धरती पर आने लगे तो लक्ष्मी ने कहा कि वैकुण्ठ के मालिक को धरती पर जाने की क्या जरूरत? भगवान ने कहा कि गैया और मैया वैकुण्ठ में नहीं है। मुझे कुछ दिनों के लिए गाय और मां की सेवा करनी है। राम, कृष्ण ,रामदेव और सारे अवतार भगावान की इसी परम इच्छा से हुए है।
मायरा बड़ी गहरी परंपरा
आधुनिक युग में दिखावे के रूप में प्रकट हो रहे मायरे पर व्यंग्य करते हुए महाराज ने कहा कि यह तो बायरा हो गया है। मायरा बहुत गहरी परंपरा है। जिस बेटी के पास अपनी पुत्री के विवाह का सामथ्र्य नहीं होता था,उसका पिता बेटी की परिस्थिति को समझते हुए अपने दामाद, बेटी और समधि की मदद के लिए गोपनीय तरीके से मदद करता था, जिसे मायरा कहा जाता था। यह रिश्ते और संबंध निभाने की बहुत गहर परंपरा थी।
पहले दिन पांडाल भरा
कथा के पहले दिन पांडाल भर गया। महिलाओं की संख्या ज्यादा रही। कथा का सीधा प्रसारण भी किय जा रहा है।
नरसी मेहता की बताई महत्ता
कथा के पहले दिन नरसी मेहता के जन्म, उनके जन्म के समय बहरे गूंगे होने और बाद में संतकृपा से आवाज लौटने, महादेव से कृष्णभक्ति का वरदान मांगने सहित कई प्रसंगों को छुआ।
प्रभातफेरी निकाली
गोपाल गोवर्घन गोशाला पथमेड़ा सुबह 5 बजे शहर में गिरधारीलाल चंडक के नेतृत्व में प्रभात फेरी निकाली गई।राधे महिला मण्डल, गोपी महिला मण्डल, जानकी महिला मण्डल सहित कई गोभक्त शामिल थे। सुबह निराश्रित गोवंश को लापसी खिलाई गई।
अभिनंदन और बहुमान : कथा प्रारंभ से पूर्व स्वागत समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मूथा ने ठाकुरजी की तस्वीर पर दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्र्रम की शुरूआत की। कथावाचक राधाकृष्ण महाराज का महंत खुशालगिरी, यजमान नरेन्द्र सिंघल ने बहुमान किया।
अयोजन समिति के संयोजक महामण्डलेश्वर स्वामी रामकिशोराचार्य ने कथा के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। आलोक सिंहल ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर दिलीप तिवारी, आनंद पुरोहित, खेमाराम आर्य, दिलीप लोहिया द्वारा माल्यार्पण किया गया। पथमेड़ा गोशाला के महासचिव श्रवणसिंह राव व विधायक मेवाराम जैन का व्यासपीठ द्वारा सम्मान किया गया।
बाड़मेर। म्हारौ प्यारो नंदलाल किशोरी राधे राधे.. की संगीतमय मधुर प्रस्तुति के साथ राधाकृष्ण महाराज ने वृंदावनधाम में सैकड़ों श्रोताओं को भक्तिभाव से विभोर करते हुए रविवार को नैनी बाई रो मायरो कथा का वाचन प्रारंभ किया। भजनों पर भक्त करताल से उनका साथ देते नजर आए, प्रसंगों को भावप्रिय होकर सुना, मर्म की बात पर गंभीरता और विनोद पर मुस्कराने के साथ पहले दिन की कथा आगे बढ़ी।
राधाकृष्ण महाराज ने गोसेवा के प्रयोजनार्थ आयोजित इस कथा को परमपुण्य बताते हुए इसे रामनवमी के पर्व से जोड़ा। उन्होंने कहा कि विष्णु भगवान जब राम अवतार के लिए धरती पर आने लगे तो लक्ष्मी ने कहा कि वैकुण्ठ के मालिक को धरती पर जाने की क्या जरूरत? भगवान ने कहा कि गैया और मैया वैकुण्ठ में नहीं है। मुझे कुछ दिनों के लिए गाय और मां की सेवा करनी है। राम, कृष्ण ,रामदेव और सारे अवतार भगावान की इसी परम इच्छा से हुए है।
मायरा बड़ी गहरी परंपरा
आधुनिक युग में दिखावे के रूप में प्रकट हो रहे मायरे पर व्यंग्य करते हुए महाराज ने कहा कि यह तो बायरा हो गया है। मायरा बहुत गहरी परंपरा है। जिस बेटी के पास अपनी पुत्री के विवाह का सामथ्र्य नहीं होता था,उसका पिता बेटी की परिस्थिति को समझते हुए अपने दामाद, बेटी और समधि की मदद के लिए गोपनीय तरीके से मदद करता था, जिसे मायरा कहा जाता था। यह रिश्ते और संबंध निभाने की बहुत गहर परंपरा थी।
पहले दिन पांडाल भरा
कथा के पहले दिन पांडाल भर गया। महिलाओं की संख्या ज्यादा रही। कथा का सीधा प्रसारण भी किय जा रहा है।
नरसी मेहता की बताई महत्ता
कथा के पहले दिन नरसी मेहता के जन्म, उनके जन्म के समय बहरे गूंगे होने और बाद में संतकृपा से आवाज लौटने, महादेव से कृष्णभक्ति का वरदान मांगने सहित कई प्रसंगों को छुआ।
प्रभातफेरी निकाली
गोपाल गोवर्घन गोशाला पथमेड़ा सुबह 5 बजे शहर में गिरधारीलाल चंडक के नेतृत्व में प्रभात फेरी निकाली गई।राधे महिला मण्डल, गोपी महिला मण्डल, जानकी महिला मण्डल सहित कई गोभक्त शामिल थे। सुबह निराश्रित गोवंश को लापसी खिलाई गई।
अभिनंदन और बहुमान : कथा प्रारंभ से पूर्व स्वागत समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मूथा ने ठाकुरजी की तस्वीर पर दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्र्रम की शुरूआत की। कथावाचक राधाकृष्ण महाराज का महंत खुशालगिरी, यजमान नरेन्द्र सिंघल ने बहुमान किया।
अयोजन समिति के संयोजक महामण्डलेश्वर स्वामी रामकिशोराचार्य ने कथा के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। आलोक सिंहल ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर दिलीप तिवारी, आनंद पुरोहित, खेमाराम आर्य, दिलीप लोहिया द्वारा माल्यार्पण किया गया। पथमेड़ा गोशाला के महासचिव श्रवणसिंह राव व विधायक मेवाराम जैन का व्यासपीठ द्वारा सम्मान किया गया।
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