जानिये राजस्थान रत्नों को ..जीवन परिचय
कन्हैयालाल सेठिया का जीवन परिचय
महाकवि श्री कन्हैयालाल सेठिया(११ सितम्बर १९१९-११ नवंबर २००८) राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि है। उनका जन्म राजस्थान के चूरु जिले के सुजानगढ़ शहर में हुआ। उनकी कुछ कृतियाँ है:- रमणियां रा सोरठा , गळगचिया , मींझर , कूंकंऊ , लीलटांस , धर कूंचा धर मंजळां , मायड़ रो हेलो , सबद , सतवाणी , अघरीकाळ , दीठ , क क्को कोड रो , लीकलकोळिया एवं हेमाणी । आपको २००४ में पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा १९८८ में ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी साहित्य पुरास्कार से भी सम्मानित किया गया है। बचपन में जब से आँखें खोलीं एक गीत कानों में अक्सर सुनाई देता था। ई तो सुरगा नै सरमावै, ई पै देव रमन नै आवे .......... धरती धोराँ री। ७वीं कक्षा में आया तो एक कविता कोर्स में पढी। ’अरे घास री रोटी ही जद बन बिलावडो ले भाग्यो .........।‘
कन्हैयालाल सेठिया
नांव : कन्हैयालाल सेठिया
शिक्षा : साधारण
जन्म-तिथि अर स्थान : सुजानगढ़ (चरू-राज.)
मौजूदा काम धन्धो : व्यवसाय
कविताएं
पातल’र पीथल
धरती धोरां री !
जलम भोम
धर कूंचा धर मजळा
हळदीघाटी!
हिन्दी!
छप्योड़ी पोथियां
रमणियै रा सोरठा, मीझर, गलगचिया (गद्य-गीत), कूंकूं
पत्र-पत्रिकावां में छप्योड़ी रचनावां
मरूवाणी, राजस्थान-भारती पर अनेक दूजी पत्रिकावां रे कवितावां अर गद्य-गीत छप्या, संकलन-ग्रन्थां में कवितावां छपी
दूजी सूचनावां
हिन्दी में अनेक पोथियां छपी
सदीव रो ठिकाणो
रतन निवास, सुजानगढ़ (चूरी-राज.)
मौजूदा ठिकाणो
उपर मुजब
--
कोमल कोठारी
नांव : कोमल कोठारी
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दीं) नेहरू फेलो
जन्म तिथि : 4-3-1929 ई.
जनम स्थान : कपासन (चित्तोंडगढ-राज.)
मौजूदा काम धन्धो : निदेशक, रूपायन संस्थान, बोरूंदा (वाया पीपाड़ जोधपुर)
छप्योड़ी पोथियां :
साहित्य संगीत और कला-रूपायन संस्थान बोरूंदा , मोनोग्राम ओन लंगा
पत्र-पत्रिकावा में छप्योड़ी साहित्यिक रचनावां :
लोक संस्कृति, मरूवाणि आद पत्रां में छपी
अण छपी पोथ्यां :
राजस्थान के लोग वाद्य
दूजी सूचनावां :
लोक संस्कृति रै पारखी रै रूप में देस विदेस घूमयोडा, साहित्य अकादमी, दिल्ली रै राजस्थानी परामर्श मंडल रा सदस्य
सदीव रो ठिकाणो :
पावटा, वीर रोड, जोधपुर
मोजूदा ठिकाणो :
रूपायन संस्थान, बोरूंदा-342604
विजयदान देथा
नांव : विजयदान देथा
शिक्षा : एम.ए. (प्री.-हिन्दी)
जन्म-तिथि अर स्थान : 1-12-1926 ई., बोरूंदा (जोधपुर)
मौजूदा काम धन्धो : निजी संस्था री सेवा
छप्योड़ी पोथियां :
1. बातां रो फुलवाड़ी (अनेक भाग) 2. साहित्य और समाज 3. तीडोराव
पत्र-पत्रिकावां में छप्योड़ी रचनावां :
प्रेरणा, परंपरा, वाणी, लोक संस्कृति नावां रा पत्रां में कहाणियां छपी
दूजी सूचनावां :
लोक संस्कृति नांव रै छापै रो संपादन करै-रूपायन शोध संस्थान रा पदाधिकारी है-राजस्थानी लोक-कथाां मैं आप री बोली में लिखै
सदीव रो ठिकाणो :
बोरूंदा (जोधपुर)
मौजूदा ठिकाणो :
कन्हैयालाल सेठिया का जीवन परिचय
महाकवि श्री कन्हैयालाल सेठिया(११ सितम्बर १९१९-११ नवंबर २००८) राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि है। उनका जन्म राजस्थान के चूरु जिले के सुजानगढ़ शहर में हुआ। उनकी कुछ कृतियाँ है:- रमणियां रा सोरठा , गळगचिया , मींझर , कूंकंऊ , लीलटांस , धर कूंचा धर मंजळां , मायड़ रो हेलो , सबद , सतवाणी , अघरीकाळ , दीठ , क क्को कोड रो , लीकलकोळिया एवं हेमाणी । आपको २००४ में पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा १९८८ में ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी साहित्य पुरास्कार से भी सम्मानित किया गया है। बचपन में जब से आँखें खोलीं एक गीत कानों में अक्सर सुनाई देता था। ई तो सुरगा नै सरमावै, ई पै देव रमन नै आवे .......... धरती धोराँ री। ७वीं कक्षा में आया तो एक कविता कोर्स में पढी। ’अरे घास री रोटी ही जद बन बिलावडो ले भाग्यो .........।‘
कन्हैयालाल सेठिया
नांव : कन्हैयालाल सेठिया
शिक्षा : साधारण
जन्म-तिथि अर स्थान : सुजानगढ़ (चरू-राज.)
मौजूदा काम धन्धो : व्यवसाय
कविताएं
पातल’र पीथल
धरती धोरां री !
जलम भोम
धर कूंचा धर मजळा
हळदीघाटी!
हिन्दी!
छप्योड़ी पोथियां
रमणियै रा सोरठा, मीझर, गलगचिया (गद्य-गीत), कूंकूं
पत्र-पत्रिकावां में छप्योड़ी रचनावां
मरूवाणी, राजस्थान-भारती पर अनेक दूजी पत्रिकावां रे कवितावां अर गद्य-गीत छप्या, संकलन-ग्रन्थां में कवितावां छपी
दूजी सूचनावां
हिन्दी में अनेक पोथियां छपी
सदीव रो ठिकाणो
रतन निवास, सुजानगढ़ (चूरी-राज.)
मौजूदा ठिकाणो
उपर मुजब
--
कोमल कोठारी
नांव : कोमल कोठारी
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दीं) नेहरू फेलो
जन्म तिथि : 4-3-1929 ई.
जनम स्थान : कपासन (चित्तोंडगढ-राज.)
मौजूदा काम धन्धो : निदेशक, रूपायन संस्थान, बोरूंदा (वाया पीपाड़ जोधपुर)
छप्योड़ी पोथियां :
साहित्य संगीत और कला-रूपायन संस्थान बोरूंदा , मोनोग्राम ओन लंगा
पत्र-पत्रिकावा में छप्योड़ी साहित्यिक रचनावां :
लोक संस्कृति, मरूवाणि आद पत्रां में छपी
अण छपी पोथ्यां :
राजस्थान के लोग वाद्य
दूजी सूचनावां :
लोक संस्कृति रै पारखी रै रूप में देस विदेस घूमयोडा, साहित्य अकादमी, दिल्ली रै राजस्थानी परामर्श मंडल रा सदस्य
सदीव रो ठिकाणो :
पावटा, वीर रोड, जोधपुर
मोजूदा ठिकाणो :
रूपायन संस्थान, बोरूंदा-342604
विजयदान देथा
नांव : विजयदान देथा
शिक्षा : एम.ए. (प्री.-हिन्दी)
जन्म-तिथि अर स्थान : 1-12-1926 ई., बोरूंदा (जोधपुर)
मौजूदा काम धन्धो : निजी संस्था री सेवा
छप्योड़ी पोथियां :
1. बातां रो फुलवाड़ी (अनेक भाग) 2. साहित्य और समाज 3. तीडोराव
पत्र-पत्रिकावां में छप्योड़ी रचनावां :
प्रेरणा, परंपरा, वाणी, लोक संस्कृति नावां रा पत्रां में कहाणियां छपी
दूजी सूचनावां :
लोक संस्कृति नांव रै छापै रो संपादन करै-रूपायन शोध संस्थान रा पदाधिकारी है-राजस्थानी लोक-कथाां मैं आप री बोली में लिखै
सदीव रो ठिकाणो :
बोरूंदा (जोधपुर)
मौजूदा ठिकाणो :
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