थार महोत्सव के अंतिम दिन कनाना में उमड़े लोग
मेले में दिखा कला और संस्कृति का संगम
शीतला माता के मेले में उमड़ा जन सैलाब,श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर बासी भोजन का भोग लगाया, नर्तकों ने दी लोक नृत्य गेर की अद्भुत प्रस्तुतियां
बालोतरा
ढोल की थाप, थाली की टंकार, घुंघरुओं की झंकार व डांडियों की खनक के साथ विभिन्न गांवों से आए कलाकारों ने लोक नृत्य गेर का ऐसा प्रदर्शन किया कि हर कोई कलाकारों के साथ झूमता नजर आया। यह नजारा था उपखंड मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर स्थित कनाना गांव में ग्राम पंचायत व ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित शीतला माता के गेर मेले का। आलम तो ऐसा था कि मेले में आए अतिथि भी नाचे बिना नहीं रह सके । थार महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन कनाना में आयोजित गेर मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। बुधवार अलसुबह से ही मेले में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। भक्त-भाविकों ने शीतला माता के दर्शन व पूजा-अर्चना की तथा ठंडे व्यंजनों का भोग लगाकर क्षेत्र के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं बच्चों ने मेले में झूलों के खूब मजे लिए, तो महिलाओं ने हाट बाजार में जमकर खरीददारी की।
मेले में कनाना सहित आस-पड़ोस के गांवों से आए गेर दल के कलाकारों ने लोक नृत्य का जीवंत प्रदर्शन कर कला-संस्कृति का अदभुत नजारा पेश किया।
मेले संस्कृति का प्रतीक:
कार्यक्रम में राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति का प्रतीक है। मेले से आपसी सौहार्द व भाईचारा बढ़ता है। पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने कहा कि मेलों से आपसी प्रेम बढऩे के साथ लोक कलाओं को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कनाना में विधायक कोटे से देवासी समाज के लिए सभा भवन बनाने की घोषणा की। कलेक्टर डॉ. प्रधान ने मेला आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के मेलों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। बालोतरा एसडीएम आबूसरिया ने कहा कि ग्रामीणों का प्रयास सराहनीय है। मेलों को प्रशासनिक स्तर पर प्रोत्साहन दिलाने में हरसंभव सहयोग किया जाएगा।
कलेक्टर ने बटोरी तालियां:
अतिथियों के स्वागत के समय पांडाल में कुछ सन्नाटा सा पसरा हुआ था। इस दौरान ज्योंही कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान के स्वागत की बारी आई, तो मंच से कलेक्टर को साफा पहनाने की मांग की गई। कलेक्टर को साफा पहनाते समय सारा पांडाल तालियों की गडगड़़ाहट से गूंज उठा। डॉ. प्रधान ने भी आगे आकर हाथ जोड़े तथा ग्रामीणों का अभिनंदन स्वीकार किया।
मेले का किया निरीक्षण:
अतिथियों ने मेले का निरीक्षण कर गेर नृत्यों की प्रस्तुति देने वाले कलाकारों से बातचीत की। इस दौरान पर्यटन विभाग दिल्ली से आए अधिकारियों की टीम भी इनके साथ थी। गेर नृत्य की मस्ती कुछ ऐसी छाई कि जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी नृत्य किए बिना नहीं रह सके।
मंच का किया उद्घाटन.
कार्यक्रम में अतिथियों ने विधायक कोटे से बनाए गए मंच का फीता काटकर उद्घाटन किया गया। इस दौरान उन्होंने 5 लाख रुपए की लागत से बने इस मंच की पट्टिका का भी लोकार्पण किया।
ढोल की थाप, थाली की टंकार, घुंघरुओं की झंकार व डांडियों की खनक के साथ विभिन्न गांवों से आए कलाकारों ने लोक नृत्य गेर का ऐसा प्रदर्शन किया कि हर कोई कलाकारों के साथ झूमता नजर आया। यह नजारा था उपखंड मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर स्थित कनाना गांव में ग्राम पंचायत व ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित शीतला माता के गेर मेले का। आलम तो ऐसा था कि मेले में आए अतिथि भी नाचे बिना नहीं रह सके । थार महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन कनाना में आयोजित गेर मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। बुधवार अलसुबह से ही मेले में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। भक्त-भाविकों ने शीतला माता के दर्शन व पूजा-अर्चना की तथा ठंडे व्यंजनों का भोग लगाकर क्षेत्र के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं बच्चों ने मेले में झूलों के खूब मजे लिए, तो महिलाओं ने हाट बाजार में जमकर खरीददारी की।
मेले में कनाना सहित आस-पड़ोस के गांवों से आए गेर दल के कलाकारों ने लोक नृत्य का जीवंत प्रदर्शन कर कला-संस्कृति का अदभुत नजारा पेश किया।
मेले संस्कृति का प्रतीक:
कार्यक्रम में राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति का प्रतीक है। मेले से आपसी सौहार्द व भाईचारा बढ़ता है। पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने कहा कि मेलों से आपसी प्रेम बढऩे के साथ लोक कलाओं को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कनाना में विधायक कोटे से देवासी समाज के लिए सभा भवन बनाने की घोषणा की। कलेक्टर डॉ. प्रधान ने मेला आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के मेलों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। बालोतरा एसडीएम आबूसरिया ने कहा कि ग्रामीणों का प्रयास सराहनीय है। मेलों को प्रशासनिक स्तर पर प्रोत्साहन दिलाने में हरसंभव सहयोग किया जाएगा।
कलेक्टर ने बटोरी तालियां:
अतिथियों के स्वागत के समय पांडाल में कुछ सन्नाटा सा पसरा हुआ था। इस दौरान ज्योंही कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान के स्वागत की बारी आई, तो मंच से कलेक्टर को साफा पहनाने की मांग की गई। कलेक्टर को साफा पहनाते समय सारा पांडाल तालियों की गडगड़़ाहट से गूंज उठा। डॉ. प्रधान ने भी आगे आकर हाथ जोड़े तथा ग्रामीणों का अभिनंदन स्वीकार किया।
मेले का किया निरीक्षण:
अतिथियों ने मेले का निरीक्षण कर गेर नृत्यों की प्रस्तुति देने वाले कलाकारों से बातचीत की। इस दौरान पर्यटन विभाग दिल्ली से आए अधिकारियों की टीम भी इनके साथ थी। गेर नृत्य की मस्ती कुछ ऐसी छाई कि जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी नृत्य किए बिना नहीं रह सके।
मंच का किया उद्घाटन.
कार्यक्रम में अतिथियों ने विधायक कोटे से बनाए गए मंच का फीता काटकर उद्घाटन किया गया। इस दौरान उन्होंने 5 लाख रुपए की लागत से बने इस मंच की पट्टिका का भी लोकार्पण किया।
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