मृतकों के नाम भेज रहे पेंशन!
हर माह ट्रेजरी से कई मृतकों के नाम जारी हो रहे हैं पेंशन के मनीऑर्डर, डाक विभाग परेशान, ट्रेजरी कर्मचारियों की लापरवाही से हर माह लग रहा है राजस्व को चूना
जिंदा लोगों को इंतजार
बालोतरा/सिवाना
बालोतरा व सिवाना क्षेत्र में जहां सैकड़ों जरूरतमंद बुजुर्ग वृद्धावस्था पेंशन के लिए सरकारी विभागों के चक्कर काट रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कोषाधिकारी कार्यालय से कई मृतकों के नाम से पेंशन मनीऑर्डर जारी किए जा रहे हैं। लापरवाही का आलम यह है कि डाक विभाग के बार-बार कारण दर्ज कर मनीऑर्डर लौटाने के बावजूद कोषाधिकारी कार्यालय से पेंशन जारी हो रही है।
मनीऑर्डर पेंशनधारक तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग प्रति सौ रुपए पर पांच रुपए का चार्ज वसूलता है। ऐसे में जो मनीऑर्डर हर महीने लौटाए जाते हैं, उनका चार्ज भी कोषाधिकारी कार्यालय को भुगतना पड़ रहा है। इससे राजस्व का भी चूना लग रहा है। डाक विभाग का कहना है कि उसने बाकायदा कई बार लिखित में इस बारे में कोषाधिकारी कार्यालय को सूचित किया। हर बार लौटाए जाने वाले मनीऑर्डर पर स्पष्ट अक्षरों में कारण लिखा जाता है। फिर भी उन्हीं मृतकों के नाम मनीऑर्डर जारी होकर डाक विभाग के पास पहुंच जाते हैं।
मृतक दीपाराम पुत्र उदाराम निवासी बोरावास के नाम भी पेंशन मनीऑर्डर जारी हुआ।
मृतक हाकिम खान पुत्र जामे खान निवासी तिलवाड़ा के नाम पांच सौ रुपए का मनीऑर्डर जारी हुआ।
मृतक रेखों पत्नी लाभू रेबारी निवासी तिलवाड़ा के नाम एक हजार रुपए का मनीऑर्डर जारी हुआ। डाक विभाग ने मनीऑर्डर पर डेड लिखकर वापस लौटाया। मगर उनके नाम फिर से मनीऑर्डर पहुंच गया।
मृतका कदनो पत्नी प्रभुराम रेबारी, निवासी तिलवाड़ा के नाम सितंबर व अक्टूबर माह का एक हजार रुपए का मनीऑर्डर जारी हुआ। इस पर डेड लिखकर वापस लौटाया गया, मगर फिर से एक हजार रुपए का मनीऑर्डर डाक विभाग बालोतरा पहुंच गया।
-- हमने बता दिया, मगर सुधार नहीं हो रहा
॥हमने कोषाधिकारी कार्यालय को बता दिया है, मगर हर बार वही गलती दोहराई जा रही है। हालांकि डाक विभाग को इसका चार्ज मिलता है, मगर इतनी बड़ी गलती बार-बार दोहराए जाने से डाककर्मी परेशान रहते हैं।
जीवणाराम धणदे, पोस्टमास्टर, बालोतरा।
हम सूची बाड़मेर भेज देते हैं
॥डाक विभाग से लौटाए जाने वाले मनीऑर्डर की सूची हम बाड़मेर कार्यालय को भिजवा देते हैं। नाम ऑन लाइन हटाने होते हैं, ऐसे में यह काम बाड़मेर से ही हो सकता है।
बनवारीलाल गुप्ता, उप कोषाधिकारी, पचपदरा।
हर माह ट्रेजरी से कई मृतकों के नाम जारी हो रहे हैं पेंशन के मनीऑर्डर, डाक विभाग परेशान, ट्रेजरी कर्मचारियों की लापरवाही से हर माह लग रहा है राजस्व को चूना
जिंदा लोगों को इंतजार
बालोतरा/सिवाना
बालोतरा व सिवाना क्षेत्र में जहां सैकड़ों जरूरतमंद बुजुर्ग वृद्धावस्था पेंशन के लिए सरकारी विभागों के चक्कर काट रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कोषाधिकारी कार्यालय से कई मृतकों के नाम से पेंशन मनीऑर्डर जारी किए जा रहे हैं। लापरवाही का आलम यह है कि डाक विभाग के बार-बार कारण दर्ज कर मनीऑर्डर लौटाने के बावजूद कोषाधिकारी कार्यालय से पेंशन जारी हो रही है।
मनीऑर्डर पेंशनधारक तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग प्रति सौ रुपए पर पांच रुपए का चार्ज वसूलता है। ऐसे में जो मनीऑर्डर हर महीने लौटाए जाते हैं, उनका चार्ज भी कोषाधिकारी कार्यालय को भुगतना पड़ रहा है। इससे राजस्व का भी चूना लग रहा है। डाक विभाग का कहना है कि उसने बाकायदा कई बार लिखित में इस बारे में कोषाधिकारी कार्यालय को सूचित किया। हर बार लौटाए जाने वाले मनीऑर्डर पर स्पष्ट अक्षरों में कारण लिखा जाता है। फिर भी उन्हीं मृतकों के नाम मनीऑर्डर जारी होकर डाक विभाग के पास पहुंच जाते हैं।
मृतक दीपाराम पुत्र उदाराम निवासी बोरावास के नाम भी पेंशन मनीऑर्डर जारी हुआ।
मृतक हाकिम खान पुत्र जामे खान निवासी तिलवाड़ा के नाम पांच सौ रुपए का मनीऑर्डर जारी हुआ।
मृतक रेखों पत्नी लाभू रेबारी निवासी तिलवाड़ा के नाम एक हजार रुपए का मनीऑर्डर जारी हुआ। डाक विभाग ने मनीऑर्डर पर डेड लिखकर वापस लौटाया। मगर उनके नाम फिर से मनीऑर्डर पहुंच गया।
मृतका कदनो पत्नी प्रभुराम रेबारी, निवासी तिलवाड़ा के नाम सितंबर व अक्टूबर माह का एक हजार रुपए का मनीऑर्डर जारी हुआ। इस पर डेड लिखकर वापस लौटाया गया, मगर फिर से एक हजार रुपए का मनीऑर्डर डाक विभाग बालोतरा पहुंच गया।
-- हमने बता दिया, मगर सुधार नहीं हो रहा
॥हमने कोषाधिकारी कार्यालय को बता दिया है, मगर हर बार वही गलती दोहराई जा रही है। हालांकि डाक विभाग को इसका चार्ज मिलता है, मगर इतनी बड़ी गलती बार-बार दोहराए जाने से डाककर्मी परेशान रहते हैं।
जीवणाराम धणदे, पोस्टमास्टर, बालोतरा।
हम सूची बाड़मेर भेज देते हैं
॥डाक विभाग से लौटाए जाने वाले मनीऑर्डर की सूची हम बाड़मेर कार्यालय को भिजवा देते हैं। नाम ऑन लाइन हटाने होते हैं, ऐसे में यह काम बाड़मेर से ही हो सकता है।
बनवारीलाल गुप्ता, उप कोषाधिकारी, पचपदरा।
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