पुणे रेप काण्ड के दोषियों को फांसी की सजा
नई दिल्ली। पुणे की सत्र अदालत ने मंगलवार को विप्रो कंपनी के कॉल सेंटर की कर्मचारी से बलात्कार और हत्या के दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। घटना 2007 की है। अदालत ने शनिवार को दोनों को दोषी करार दिया था। सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि हत्या नृशंस तरीके से की गई है। सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा कि मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था लेकिन पुख्ता सबूत होन और 29 गवाहों के बयानों के बाद कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।
निकम ने दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग की थी। 26 साल की युवती 1 नवंबर 2007 को जब ऑफिस की कैब से जा रही थी जब ड्राइवर पुरूषोत्तम बोराटे और उसके दोस्त प्रदीप कोकाटे ने उससे रेप किया और बाद में हत्या कर दी। रेप की शिकार युवती गोरखपुर की रहने वाली थी। वह अपनी बहन और जीजा के साथ रहती थी। 2006 में उसने कॉल सेंटर ज्वाइन किया था।
नई दिल्ली। पुणे की सत्र अदालत ने मंगलवार को विप्रो कंपनी के कॉल सेंटर की कर्मचारी से बलात्कार और हत्या के दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। घटना 2007 की है। अदालत ने शनिवार को दोनों को दोषी करार दिया था। सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि हत्या नृशंस तरीके से की गई है। सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा कि मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था लेकिन पुख्ता सबूत होन और 29 गवाहों के बयानों के बाद कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।
निकम ने दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग की थी। 26 साल की युवती 1 नवंबर 2007 को जब ऑफिस की कैब से जा रही थी जब ड्राइवर पुरूषोत्तम बोराटे और उसके दोस्त प्रदीप कोकाटे ने उससे रेप किया और बाद में हत्या कर दी। रेप की शिकार युवती गोरखपुर की रहने वाली थी। वह अपनी बहन और जीजा के साथ रहती थी। 2006 में उसने कॉल सेंटर ज्वाइन किया था।
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