गुरुवार, 15 मार्च 2012

पत्नी को देना था प्यार का सबूत, मजाक-मजाक में कर बैठा ऐसी नादानी

कांकेर।ग्राम बागोडार में पत्नी के प्रति बेइंतहा प्यार का सबूत देने पति ने अपनी जान दे दी। पत्नी के सामने ही पति फांसी पर झूल गया तो पत्नी अपना होश खो बैठी। पत्नी ने भी घर पहुंचकर अपनी जान देने शरीर पर मिट्टी तेल उडेल लिया लेकिन ग्रामीणों ने उसे बचा लिया। दोनों का विवाह तीन माह पूर्व ही हुआ था।
 
रायपुर क्षेत्र के खरोरा गांव का एक खानाबदोश परिवार कांकेर जिले के ग्राम बागोडार में जड़ी बूटी बेचने पहुंचा था। परिवार यहां कुछ दिनों से ठहरा हुआ था। 14 मार्च की सुबह परिवार का सदस्य 22 वर्षीय रोहित मंडावी पत्नी 18 वर्षीय सरस्वती के साथ सुबह गांव से खेत की ओर लकड़ी बीनने गया था।

रास्ते में दंपति के मध्य हंसी ठिठोली होती रही। खेत के मेड़ में लगे एक पेड़ के पास रोहित रूक गया और पत्नी से प्रेम का इजहार करते कहा कि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं। तुम्हारे लिए जान भी दे सकता हूं। मुझे कुछ हुआ तो मेरे बगैर जी लोगी? पत्नी ने पति की बातों को मजाक में टाल दिया तथा लकड़ी बीनने में जुट गई।

रोहित ने मजाक मजाक में अपनी पत्नी को दिखाने पेड़ की शाखा में गमछे से फंदा बनाया और झूल गया। पत्नी दौड़ते हुए मौके पर पंहुची तथा पति को पकड़ उतारने का प्रयास किया लेकिन गमछे में रोहित की गर्दन फंस गई जो उसकी मौत का कारण बन गई। घटना के बाद अपनी सुधबुध खो चुकी पत्नी घर पहुंची तथा आत्महत्या करने स्वयं पर मिट्टी तेल डाल लिया।

आग लगाने के पहले ही ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया। घटना की खबर गांव में आग की तरह फैल गई तथा लोगों की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई। रोहित के शव को उसके परिजनों ने पेड़ से उतारा। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। मामले की जांच कर रहे एएसआई कैलाश साहू ने बताया कि पति के फांसी पर झूलने के बाद महिला ने भी आत्महत्या का प्रयास किया था लेकिन उसे ग्रामीणों ने बचा लिया। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।


डेरा उठता तो नहीं होती घटना

ग्रामीणों ने बताया कि जड़ीबूटी बेचने वाले चार परिवार 25 दिन पूर्व गांव पंहुचे थे। कोटवार को जानकारी देकर यहां डेरा डाले हुए थे। परिवार के सदस्य गांव गांव में दुकान लगाकर जड़ी बूटी बेचते थे। रोहित के परिवार को छोड़ से शेष अन्य परिवार रंग पंचमी के बाद गांव से अपना डेरा उठा लिया था। रोहित का परिवार भी जाने वाला था लेकिन वह एक दो दिन बाद जाने की बात कह कर रूक गया था। यदि रोहित का परिवार भी गांव से चला जाता तो शायद यह घटना नहीं होती।


पुलिस से मांगती रही मौत की भीख

रोहित तथा सरस्वती का विवाह तीन माह पूर्व ही हुआ था। शादी के मात्र तीन माह बाद ही पति के इस तरह चले जाने से सरस्वती अपना होश खो बैठी। घटना से बदहवास सरस्वती कभी अपने पति के शव से लिपट कर रोती तो कभी बाल बिखराए इधर-उधर घुमती। पुलिस कर्मियों के सामने की सरस्वती बिलखते हुए मौत की भीख मांगने लगी थी।


होली में जमकर झूमे थे

ग्रामीणों ने बताया कि पति-पत्नी के मध्य आपस में काफी प्रेम था। दोनों गांव में होली और पंचमी के दौरान जमकर साथ में रंग खेल झूमे थे। रोहित मंडावी के जीजा कामदेव ने बताया कि रोहित बहुत ही सीधा लड़का था। ग्रामीणों के अनुसार दोनों को हमेशा साथ-साथ देखा जाता था। दोनों आपस में काफी हंसी मजाक भी किया करते थे।

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