2.80 लाख की कैंसर दवा 8,880 रू. में
नई दिल्ली। कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर आई है। हैदराबाद की दवा बनाने वाली कंपनी नेटको फार्मा को कैंसर दवा नेक्सावर बनाने व मौजूदा कीमत से 30 प्रतीशत कम में बेचने की इजाजत प्रदान की है। उल्लेखनीयह है कि इस दवा का पेटेंट बेअर कॉरपोरेशन के पास है। सरकार ने ऎसा कदम संभवतया पहली बार उठाया है।
इससे किडनी व लीवर कैंसर के मरीजों को काफी लाभ मिलेगा। यह आदेश विश्व व्यापार संगठन के टीआरआईपीएस समझौते की अनुपालना में इंडिया पेटेंट्स ऑफिस ने अनिवार्य लाइसेंस के तौर पर इंडिया पेटेंट्स एक्ट की धारा 84 के तहत जारी किया है।
कंट्रोलर ऑफ पेटेंट्स पीएच कुरियन ने अपने आदेश में कहा है कि भारत में 2008 में पेटेंट मिलने के बावजूद बेअर ने इस दवा की बिक्री को बढाने के लिए अधिक कुछ नहीं किया है। बेअर ने 2008 में यह दवा आयात नहीं की वहीं 2009 व 2010 में थोड़ी मात्रा में ही आयात की।
नेटको को यह दवा 120 टेबलेट्स के पत्ते को 8,880 रूपए में बेचने की इजाजत दी गई है। एक मरीज को अमूमन एक माह में 120 टेबलेट की जरूरत पड़ती है। वहीं बेअर अभी इतनी ही दवा करीब 2.80 लाख रूपए में बेच रहा है।
विश्व व्यापार संगठन के अनुसार अनिवार्य लाइसेंस किसी के द्वारा बनाई जा रही पेटेंट दवा को बिना उसकी इजाजत के दूसरी कंपनी को बनाने के लिए राष्ट्रीय सरकार द्वारा जारी किया जा सकता है।
सरकार के इस कदम से आम आदमी भी इस जीवन रक्षक दवा को खरीद सकेगा।
नई दिल्ली। कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर आई है। हैदराबाद की दवा बनाने वाली कंपनी नेटको फार्मा को कैंसर दवा नेक्सावर बनाने व मौजूदा कीमत से 30 प्रतीशत कम में बेचने की इजाजत प्रदान की है। उल्लेखनीयह है कि इस दवा का पेटेंट बेअर कॉरपोरेशन के पास है। सरकार ने ऎसा कदम संभवतया पहली बार उठाया है।
इससे किडनी व लीवर कैंसर के मरीजों को काफी लाभ मिलेगा। यह आदेश विश्व व्यापार संगठन के टीआरआईपीएस समझौते की अनुपालना में इंडिया पेटेंट्स ऑफिस ने अनिवार्य लाइसेंस के तौर पर इंडिया पेटेंट्स एक्ट की धारा 84 के तहत जारी किया है।
कंट्रोलर ऑफ पेटेंट्स पीएच कुरियन ने अपने आदेश में कहा है कि भारत में 2008 में पेटेंट मिलने के बावजूद बेअर ने इस दवा की बिक्री को बढाने के लिए अधिक कुछ नहीं किया है। बेअर ने 2008 में यह दवा आयात नहीं की वहीं 2009 व 2010 में थोड़ी मात्रा में ही आयात की।
नेटको को यह दवा 120 टेबलेट्स के पत्ते को 8,880 रूपए में बेचने की इजाजत दी गई है। एक मरीज को अमूमन एक माह में 120 टेबलेट की जरूरत पड़ती है। वहीं बेअर अभी इतनी ही दवा करीब 2.80 लाख रूपए में बेच रहा है।
विश्व व्यापार संगठन के अनुसार अनिवार्य लाइसेंस किसी के द्वारा बनाई जा रही पेटेंट दवा को बिना उसकी इजाजत के दूसरी कंपनी को बनाने के लिए राष्ट्रीय सरकार द्वारा जारी किया जा सकता है।
सरकार के इस कदम से आम आदमी भी इस जीवन रक्षक दवा को खरीद सकेगा।
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