मल्लीनाथ पशु मेले में पहुंचे 14 हजार पशु
बालोतरा। देश विख्यात मल्लीनाथ पशुमेला तिलवाड़ा में मंगलवार तक करीब 14 हजार पशु पहुंच चुके है। पूरे दिन मेला मैदान पर मेलार्थियों की चहल पहल बनी रही। मेलार्थियों ने मेले में से जरूरतमंद सामान की बढ़-चढ़ कर खरीदारी की। शाम को आयोजित पशु प्रतियोगिताओं में पशुपालकों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। बुधवार को सफेद चिट्ठी कटने के साथ पशुओ की खरीद फरोख्त शुरू होगी।
सात शताब्दी से लूनी नदी की तलहटी में आयोजित हो रहे मेले में इस बार अधिक संख्या में पहुंचे पशुओं पर पूर्व के वर्षो की बजाए चहल पहल अधिक है। अब तक मेले में 13 हजार 629 पशु पहुंच चुके हैं, जिसमें से सर्वाधिक संख्या 7 हजार 480 बैलों की है। इसके अलावा देश के विभिन्न प्रांतों से बड़ी संख्या में पहुंचे घोड़े, घोडियां सभी के आकर्षण का केन्द्र बने हुए है। इसके चलते मंगलवार को पूरे दिन मेले में अधिक चहल पहल देखने का नजर आई।
मेले का निहारने व जरूरत के सामान की खरीदारी करने के लिए इस दिन हजारों की संख्या में मेलार्थी पहुंचे। मेलार्थियों ने पूरे मेले मैदान में घूम फिरने का आनंद उठाने के अलावा घरेलू जरूरत के सामान की बढ़-चढ़ खरीदारी की। इसके अलावा मेले में राजस्थान सहित पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात से बड़ी संख्या में पहुंचे पशुपालकों ने मेले में पहुंचे पशुओं के मोल भाव किए, जिससे पशुपालक उत्साहित दिखाई दिए। बुधवार को सफेद चिट्टी कटने के साथ पशुओं की खरीद फरोख्त शुरू होगी।
इससे पूर्व रात्रि में मेला मैदान पर बाड़मेर सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक द्वारा मेलार्थियों व पशुपालकों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।इसमें जगदीश पंचारिया एण्ड पार्टी के कलाकारों ने राजस्थानी लोक गीतों पर नृत्यों की प्रस्तुति दी। कलाकारों के भवाई नृत्य को सभी ने खूब सराहा। देर रात तक चले इस कार्यक्रम का मेलार्थियों ने भरपूर आनंद उठाया।
गोष्ठी आयोजित
मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा में सोमवार शाम क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संगोष्ठी व प्रतियोगिताएं हुई। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मांजीवाला सरपंच कूंपाराम पंवार ने कहा कि पशुधन पशुपालक की आजीविका का मुख्य स्त्रोत है। पशुपालक उन्नत नस्ल के पशु अपनाएं। डॉ.बी.आर.जैदिया, डॉ.रमेश चौधरी, डॉ.संजय सिंघवी ने भी विचार व्यक्त किए। इसके बाद निदेशालय की ओर से मेले में घुड़ दौड़ व गीत प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
जिसमें घुड़सवारों व गायकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विजेता प्रतिभागियों को निदेशालय की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। इस अवसर पर बी.सी.सी.बी. बैंक के सहायक अधिशासी अधिकारी प्रेमसुंदर शर्मा, बैंक के शाखा प्रबंधक हरीश गहलोत, सरपंच सुश्री अन्नपूर्णा भाटी, मोहनसिंह, शोभसिंह, चैनसिंह भाटी, पूर्व सरपंच गोपाराम पालीवाल, पूर्व उप सरपंच जबरसिंह तिलवाड़ा, ग्रामसेवक दीपाराम चौधरी मौजूद थे।
बालोतरा। देश विख्यात मल्लीनाथ पशुमेला तिलवाड़ा में मंगलवार तक करीब 14 हजार पशु पहुंच चुके है। पूरे दिन मेला मैदान पर मेलार्थियों की चहल पहल बनी रही। मेलार्थियों ने मेले में से जरूरतमंद सामान की बढ़-चढ़ कर खरीदारी की। शाम को आयोजित पशु प्रतियोगिताओं में पशुपालकों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। बुधवार को सफेद चिट्ठी कटने के साथ पशुओ की खरीद फरोख्त शुरू होगी।
सात शताब्दी से लूनी नदी की तलहटी में आयोजित हो रहे मेले में इस बार अधिक संख्या में पहुंचे पशुओं पर पूर्व के वर्षो की बजाए चहल पहल अधिक है। अब तक मेले में 13 हजार 629 पशु पहुंच चुके हैं, जिसमें से सर्वाधिक संख्या 7 हजार 480 बैलों की है। इसके अलावा देश के विभिन्न प्रांतों से बड़ी संख्या में पहुंचे घोड़े, घोडियां सभी के आकर्षण का केन्द्र बने हुए है। इसके चलते मंगलवार को पूरे दिन मेले में अधिक चहल पहल देखने का नजर आई।
मेले का निहारने व जरूरत के सामान की खरीदारी करने के लिए इस दिन हजारों की संख्या में मेलार्थी पहुंचे। मेलार्थियों ने पूरे मेले मैदान में घूम फिरने का आनंद उठाने के अलावा घरेलू जरूरत के सामान की बढ़-चढ़ खरीदारी की। इसके अलावा मेले में राजस्थान सहित पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात से बड़ी संख्या में पहुंचे पशुपालकों ने मेले में पहुंचे पशुओं के मोल भाव किए, जिससे पशुपालक उत्साहित दिखाई दिए। बुधवार को सफेद चिट्टी कटने के साथ पशुओं की खरीद फरोख्त शुरू होगी।
इससे पूर्व रात्रि में मेला मैदान पर बाड़मेर सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक द्वारा मेलार्थियों व पशुपालकों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।इसमें जगदीश पंचारिया एण्ड पार्टी के कलाकारों ने राजस्थानी लोक गीतों पर नृत्यों की प्रस्तुति दी। कलाकारों के भवाई नृत्य को सभी ने खूब सराहा। देर रात तक चले इस कार्यक्रम का मेलार्थियों ने भरपूर आनंद उठाया।
गोष्ठी आयोजित
मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा में सोमवार शाम क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संगोष्ठी व प्रतियोगिताएं हुई। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मांजीवाला सरपंच कूंपाराम पंवार ने कहा कि पशुधन पशुपालक की आजीविका का मुख्य स्त्रोत है। पशुपालक उन्नत नस्ल के पशु अपनाएं। डॉ.बी.आर.जैदिया, डॉ.रमेश चौधरी, डॉ.संजय सिंघवी ने भी विचार व्यक्त किए। इसके बाद निदेशालय की ओर से मेले में घुड़ दौड़ व गीत प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
जिसमें घुड़सवारों व गायकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विजेता प्रतिभागियों को निदेशालय की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। इस अवसर पर बी.सी.सी.बी. बैंक के सहायक अधिशासी अधिकारी प्रेमसुंदर शर्मा, बैंक के शाखा प्रबंधक हरीश गहलोत, सरपंच सुश्री अन्नपूर्णा भाटी, मोहनसिंह, शोभसिंह, चैनसिंह भाटी, पूर्व सरपंच गोपाराम पालीवाल, पूर्व उप सरपंच जबरसिंह तिलवाड़ा, ग्रामसेवक दीपाराम चौधरी मौजूद थे।
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