एक पूर्व पाकिस्तानी नर्तकी जिसे एक भीषण एसिड हमले के बाद जीवन से संघर्ष करने के लिए छोड़ दिया गया था,ने एक दशक बाद आत्महत्या कर ली।
इस एसिड हमले में उसका चेहरा बुरी तरह विकृत हो गया था।
33 साल की फखरा यूनुस ने इटली की राजधानी रोम में एक छट्ठे माले की बिल्डिंग से कूद कर अपनी जान दे दी। 12 साल पहले उसपर हुए एसिड हमले में उसका चेहरा इस कदर विकृत हो गया था कि खुद यूनुस का कहना था कि वह देखने में इंसान नहीं लगती है।
मई 2000 में उस पर हुए हमले में उसका पूर्व पति बिलाल खार मुख्य अभियुक्त था। खार ने अपनी सास के घर घुसकर सोती हुई यूनुस के चेहरे पर तेज़ाब उढेल दिया था।
खार ने यह हमला यूनुस के उस वक़्त पांच साल के बेटे के सामने किया था। तेज़ाब हमले ने यूनुस को सांस लेने और जीवन से संघर्ष करने में असमर्थ बना दिया था।
यूनुस की नाक पूरी तरह से पिघल गई थी और पिछले एक दशक में अपने विकृत चेहरे के इलाज के लिए उसे 39 अगल-अलग शल्यचिकित्सा की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा था ।
इस भयानक हमले में यूनुस के बाल भी जल गए थे,उसके होंठ पिघलकर एक दूसरे से जुड़ गए थे,उसकी एक आंख की रौशनी जाती रही,बायां कान नष्ट हो गया और उसके स्तन पिघल गए।
जब यूनुस को अस्पताल ले जाया गया था तो उस वक़्त उसने कहा था 'मेरा चेहरा मेरे लिए एक जेल है' जबकि हमले से बुरी तरह से डरे उसके बेटे ने कहा था,'यह मेरी मां नहीं है।'
घटना के बाद अपने इलाज को जारी रखने के लिए और रहने के लिए वह रोम चली गई थी।
लेकिन 17 मार्च को उसने अपनी जिन्दगी खत्म कर ली। अपने छोड़े गए सन्देश में यूनुस ने लिखा कि वह आत्महत्या,अत्याचार पर कानून की चुप्पी और पाकिस्तानी शासकों की असंवेदनशीलता पर कर रही हैं।
बिलाल खार को 2002 मे गिरफ्तार किया गया था और उसपर हत्या के प्रयास का आरोप लगा था। लेकिन पांच महीने बाद ही उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
खार एक पूर्व सांसद है और एक अमीर पाकिस्तानी राज्यपाल का बेटा है। बाद में उसपर लगाए गए आरोप से वह मुक्त हो गया। हालांकि उसका मामले से बेदाग़ बाहर निकल जाने पर कई लोगों का मानना है कि अपने परिवार का रसूख इस्तेमाल कर वह सजा से बच निकलने में कामयाब रहा ।
यूनुस के दुखद आत्महत्या की खबर आने के बाद भी खार अब भी हमले में किसी तरह से शामिल होने से इनकार कर रहा है। एक टेलीविजन इंटरव्यू में उसने कहा कि उसके नाम के किसी और व्यक्ति ने इस अपराध को अंजाम दिया है। खार ने दावा किया कि उसकी पूर्व पत्नी ने अपने आप को खत्म इसलिए किया क्योंकि उसके पास पर्याप्त रकम नहीं थी,ना कि उसके भयानक चोटों की वजह से।
एक महिला अधिकार संगठन,द औरत फाउंडेशन के मुताबिक पिछले साल पाकिस्तान में 8500 मामले एसिड हमले,जबरन शादी और महिलाओं के खिलाफ दूसरे प्रकार की हिंसा के मामले सामने आए।
पिछले साल पाकिस्तान सरकार ने नए कानून पेश किए जिसके तहत तेजाब हमलों को अपराध माना गया और हमला करने वाला अगर दोषी सिद्ध होता है तो उसे 14 साल की सजा होगी।
बिलाल खार के पिता की पूर्व पत्नी तहमीना दुर्रानी हमले के बाद यूनुस की वकील बन गई थी। उन्होंने कहा कि यूनुस ने इलाज से उबरने के बाद उनसे आग्रह किया था कि उसके हमलावर को सजा दिलाएं।
दुर्रानी ने कहा:'यूनुस ने कहा,'जब मैं वापस आउंगी,मैं केस को दोबारा खोलूंगी,और मैं खुद लड़ूंगी,'वह एक फाइटर थी।'
दुर्रानी ने कहा कि यूनुस का मामला पाकिस्तानी सरकार के लिए एक सबक होना चाहिए कि तेजाब के हमलों को रोकने और महिलाओं के प्रति अन्य प्रकार की हिंसा को रोकने और पीड़ितों की मदद करने के लिए बहुत कुछ किया जाना है।
दुर्रानी ने कहा 'मुझे लगता है कि पूरे देश को अत्यंत शर्मिंदा होना चाहिए कि एक विदेशी देश एक पाकिस्तानी नागरिक की 13 सालों तक जिम्मेदारी ली क्योंकि हम उसे कुछ नहीं दे सकें,न न्याय,न सुरक्षा।'
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