शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012

मनरेगा मजदूर अब कर सकेंगे खेती-किसानी के काम


मनरेगा मजदूर अब कर सकेंगे खेती-किसानी के काम

महात्मा गांधी नरेगा के तहत मजदूर अब खेती, बागवानी व पशु पालन के काम भी कर सकेंगे। सरकार ने संशोधित मनरेगा योजना में तीस नए कार्यों को शामिल किया है। इसमें 27 कार्य कृषि से जुड़े हुए हैं। साथ ही गरीबों के लिए इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) के तहत बनाए जाने वाले मकानों का निर्माण भी मनरेगा के जरिए किए जाने की सरकार ने मंजूरी दे दी है। नक्सल प्रभावित जिलों में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय बनाने की योजना को भी मनरेगा में शामिल किया गया है। इसे विशेष तौर पर चलाया जाएगा।

मनरेगा में संशोधन के लिए गठित शिशिर शाह की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशों के आधार पर संशोधित मनरेगा योजना को जारी कर बुधवार को ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने इसे मनरेगा दो का नाम दिया। मनरेगा दो एक अप्रैल से प्रभावी होगी। इसमें जोड़े गए 90 फीसदी कार्य कृषि से संबंधित हैं। मनरेगा की नई सूची में 30 कार्यों को जोड़ा गया है। जिसमें 27 कार्य कृषि से जुड़े हुए हैं। इसमें पशु , मुर्गी व मछली पालन से जुड़े कार्य भी शामिल हैं। अन्य कार्यों में नक्सल प्रभावित 78 जिलों में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण और इंदिरा आवास योजना का काम भी जोड़ा गया है। जयराम के मुताबिक मनरेगा से कृषि कार्य प्रभावित होने की दलील देते हुए कई राज्यों ने खरीफ सीजन के दो महीनों के लिए इसे स्थगित करने की मांग की थी। जिसे मनरेगा दो में पूरी तरह से नकार दिया गया है। साथ ही मनरेगा राशि का 60 फीसदी खर्च मजदूरी व 40 फीसदी सामग्री पर खर्च के कानून में परिवर्तन कर इसे 50-50 फीसदी करने की राज्यों की मांग को भी सिरे से खारिज कर दिया गया है। नए कार्यों में शुद्ध पेयजल योजना को भी शामिल किया गया है। लेकिन मनरेगा के तहत शुद्ध पेयजल योजना सिर्फ निर्मल गांवों में ही क्रियान्वित की जाएगी।

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