गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012

मासूम फलक की हालत नाजुक

नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती दो साल की बच्ची फलक की हालत दो हफ्ते बाद गुरुवार को भी चिंताजनक बनी रही। एम्स के ट्रामा सेंटर के सहायक प्रोफेसर (न्यूरो सर्जन) दीपक अग्रवाल ने कहा, "बच्ची के बचने की सम्भावना 50 फीसदी से भी कम है।

जांच में पता चला है कि बच्ची को रक्त संक्रमण (सेप्टीसीमिया) हो गया है जिसके अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक फैलने की आशंका है। जबकि फलक का सीना एवं मस्तिष्क पहले से ही संक्रमित है। अग्रवाल ने कहा, "हम उसके महत्वपूर्ण अंगों पर नजर रखे हैं और संक्रमण शरीर के अन्य भागों में पहुंचने से रोकने के लिए कड़ी एंटीबायोटिक्स दे रहे हैं। वह अपनी आंख, बांह एवं पैरों को हिला रही है लेकिन वह अभी भी गहरी अचेतावस्था में है।"

उन्होंने कहा, "हम फलक का अभी कोई भी ऑपरेशन नहीं करने जा रहे हैं। अभी हम दवाओं के प्रभाव को देख रहे हैं।" ज्ञात हो कि बुरी तरह घायल दो साल की फलक को 18 जनवरी को एक किशोरी लाई थी। बच्ची का सिर फूटा हुआ था और मस्तिष्क में दाईं ओर खून जम गया था। उसके समूचे शरीर पर इंसान के दांत के काटने के निशान थे।

इस किशोरी ने खुद को बच्ची की मां बताया था। किशोरी को बाल संरक्षण गृह भेज दिया गया। पुलिस ने बुधवार को किशोरी के पिता एवं उसे जबरिया देह व्यापार कराने वाले दो लोगों को गिरफ्तार करने के बाद मामला सुलझाने का दावा किया था।

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