सोनार के संरक्षण के लिए पहुंचे विशेषज्ञ
जैसलमेर दुनिया के एक मात्र लिविंग फोर्ट को बचाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। बॉम्बे कोलेबरेटरी अर्बन डिजाइन एवं कंजर्वेशन की जांच में पहाड़ी में हो रही हलचल सामने आने पर एएसआई हरकत में आई और अन्य कई संस्थाएं जो धरोहरों के संरक्षण के लिए काम कर रही हैं, वे भी आगे आ रही हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को जैसलमेर में देश विदेश के विशेषज्ञों की एक टीम पहुंची और दुर्ग का दौरा कर उसकी नाजुक हालत को परखा। इसके बाद इन विशेषज्ञों ने बैठक कर दुर्ग को बचाने के गंभीर प्रयासों के बारे विचार विमर्श किया।
शुक्रवार को जैसलमेर पहुंची टीम ने सुबह 9 बजे दुर्ग का अवलोकन किया। यह टीम पहले ढूंढा पाड़ा पहुंची जहां पहाड़ में झुकाव है। इस स्थान पर विशेषज्ञों ने प्राचीन निकासी सिस्टम गुटनालियों को भी देखा। इसके पश्चात कोटड़ी पाड़े में भी इस टीम ने पहुंचकर वहां हो रही पहाड़ की जांच कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान दुर्ग वासियों ने विशेषज्ञों के सामने समस्याएं भी रखीं लेकिन विशेषज्ञों ने उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिए। जैसलमेर पहुंचने वालों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक गौतम सैन गुप्ता के साथ बॉम्बे कोलेबरेटरी अर्बन डिजाइन एवं कंजर्वेशन के डायरेक्टर जियोटेक्निकल वक्र्स एस.सी. देशपांडे, वल्र्ड वॉच मॉन्यूमेंट की भारत में प्रतिनिधि अमिता बेग, एएसआई की डायरेक्टर कंजर्वेशन जाह्नवी शर्मा, नेशनल कल्चर फंड की यामिनी मोबाय तथा विदेशी विशेषज्ञ भी शामिल थे।
प्राधिकरण का इंतजार
एएसआई व अन्य संस्थाओं के जैसलमेर पहुंचे प्रतिनिधियों ने हर बात पर यही जवाब दिया कि प्राधिकरण बनने के बाद हर एक समस्या का समाधान हो जाएगा। अब तक दुर्ग के संरक्षण में जुटी एएसआई भी अब प्राधिकरण के इंतजार में है। डायरेक्टर कंजरवेशन जाहनवी शर्मा के अनुसार राज्य सरकार ने एक माह में प्राधिकरण की प्रक्रिया पूरी होने का आश्वासन दिया है। उनके अनुसार इसमें कलेक्टर, एएसआई प्रतिनिधि, लोकल प्रतिनिधि व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
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