गुरुवार, 23 फ़रवरी 2012

सेना में हड़कंप: एचआईवी पॉजिटिव सिपाही ने की खुदकुशी

अम्बाला.मंगलवार को तोपखाना क्षेत्र स्थित एडी रेजीमेंट के सुसाइड करने वाले सिपाही प्रशांत को एड्स था। बुधवार को यह जानकारी सामने आते ही सेना प्रशासन में खलबली मच गई। आनन फानन में जांच के लिए सेना ने कोर्ट आफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए।
 
मंगलवार को खुदकुशी करने वाले प्रशांत की मौत के कारणों की जांच के दौरान पता चला कि सुसाइड करने से पहले प्रशांत ने केरल स्थित अपने परिवार को एसएमएस के जरिए खुद के एचआईवी पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। अब सेना ये पता लगाने में जुटी है कि क्या प्रशांत ने अम्बाला में किसी महिला से यौन संबंध बनाए? या फिर यहां पोस्टिंग से पहले किसी अन्य जगह पर उसके संबंध थे? या किसी अन्य कारण से वह इस रोग की चपेट में आया ? और क्या कोई अन्य सैनिक भी इस लाइलाज रोग से ग्रस्त है? ये ऐसे अन्य सवाल हैं जिन्हें लेकर सेना चिंतित है। अफसरों की खास टीम अब यूनिट में जाकर इसकी जांच-पड़ताल करेगी।

मंगलवार सुबह कर लिया था सुसाइड

मूलरूप से केरल का रहने वाला प्रशांत अविवाहित था। उसने मंगलवार सुबह एडी यूनिट में ही ‘थ्री टन’ ट्रक के एंगल पर फंदा लगा लिया था। वह यूनिट में ड्राइवर था। जांच के बाद पोस्टमार्टम करवाकर उसका शव विमान से केरल में उसके परिवार तक भिजवा दिया गया। जांच में पता चला कि प्रशांत की शादी तय हो चुकी थी और खुद के एचआईवी पॉजिटिव होने से वह तनाव में था। अनुमान है कि संभवत: इसी वजह से उसने सुसाइड किया। जांच में पता चला कि सुसाइड से पहले प्रशांत ने परिवार को एसएमएस करके अपने एचआईवी पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। ये एसएमएस मामले की जांच कर रही पुलिस को प्रशांत के मोबाइल से ही मिला।

क्या सेना को नहीं था पता

प्रशांत के एचआईवी पॉजिटिव होने की जानकारी यूनिट के अधिकारियों को थी या नहीं? ये जांच का अहम पहलू है। सैनिकों का रुटीन चेकअप समय-समय पर होता है। एसएमएस से साफ है कि प्रशांत ने पहले कहीं चेकअप कराया था मगर उसने ये बात किसे बताई, ये पता लगना जरूरी है। यदि समय रहते उसके तनावग्रस्त होने का पता चल जाता तो शायद वह आज जिंदा होता।

संजीदा सेना के लिए सिरदर्द

किसी सैन्यकर्मी का एचआईवी पॉजिटिव होने का अम्बाला में ये पहला मामला सामने आया है। असुरक्षित यौन संबंध को लेकर सेना काफी संजीदा रहती है और यौन संबंधी जानकारियां देने के लिए बाकायदा मेडिकल सेमीनार तक लगाए जाते हैं। फौजियों को बीमारी के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है, मगर इस मामले ने सेना का सिरदर्द बढ़ा दिया है।

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