वांकल धाम विरात्रा में मेले का आगाज 5 को
चौहटनविश्व विख्यात शक्तिपीठ वांकल वीरात्रा धाम में 5 फरवरी को तीन दिवसीय मेले का आगाज होगा। मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालु मां के दरबार में धोक लगाएंगे। मेले को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। मंदिर को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वांकल धाम में साल में तीन बार चैत्र, भादवा व माघ शुक्ल पक्ष में मेले आयोजित होते हैं। साथ ही वर्ष में दो बार चैत्र व आश्विन में नवरात्रा महोत्सव का आयोजन होता है। श्री वांकल वीरात्रा माता धर्मार्थ ट्रस्ट वीरात्रा भेरसिंह सोढ़ा ने बताया कि माघ मेले में विशेषकर नवविवाहित जोड़े अपने सफल जीवन की कामना, नवजात शिशुओं का उपनयन संस्कार विरात्रा धाम के तहत आने वाले 12 मंदिरों की परिक्रमा कर रात्रि विश्राम विरात्रा धाम पर करते हैं। वैसे तो यह मेला माघ सुदी दूज से शुरू हो जाता है। लेकिन यात्रियों का आवागमन माघ सुदी 13, 14 व पूर्णिमा को रहता है। मेले को लेकर विरात्रा ट्रस्ट की ओर से यात्रियों के लिए बिजली, पानी, आवास व भोजन के माकूल बंदोबस्त किए जा रहे हैं। मेले के दौरान पुलिस जवान तैनात रहेंगे। साथ ही डिस्कॉम, जलदाय विभाग व चिकित्सा विभाग की सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। रोडवेज की विशेष मेला बसों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए मोबाइल टॉवर की 24 घंटे व्यवस्था रहेगी। यात्रियों के प्रसाद के लिए अलग से दुकानों की व्यवस्था की जा रही है। इस दौरान भजन पार्टियों की ओर से भजनों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। मेला स्थल पर स्टालें लगाई जाएगी।
वेर माता मंदिर पाटोत्सव 4 को: वांकल विरात्रा माता धर्मार्थ ट्रस्ट के अंतर्गत आने वाले 12 मंदिरों में से वेर माता का मंदिर प्रमुख है। यह मंदिर चौहटन से पांच किलोमीटर दूर चौहटन की पहाड़ी के पीछे स्थित है। वेर माता मंदिर का पाटोत्सव 4 फरवरी सुबह गणेश पूजन, वेर माता पूजन, षोडषोपचार पूजन, हवन किया जाएगा। ध्वजा चढ़ाई जाएगी। पूर्णाहुति दोपहर के बाद होगी। माताजी का महाप्रसाद वितरण किया जाएगा। यह कार्यक्रम पंडित गोपाल दवे के सानिध्य में किया जाएगा। इसी क्रम में तोरणिया माता मंदिर का पाटोत्सव 6 फरवरी को व वांकल माता गढ़ मंदिर विरात्रा धाम में पाटोत्सव कार्यक्रम 7 फरवरी को पंडित कांतिलाल दवे के सानिध्य में मनाया जाएगा। इन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।
चौहटनविश्व विख्यात शक्तिपीठ वांकल वीरात्रा धाम में 5 फरवरी को तीन दिवसीय मेले का आगाज होगा। मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालु मां के दरबार में धोक लगाएंगे। मेले को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। मंदिर को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वांकल धाम में साल में तीन बार चैत्र, भादवा व माघ शुक्ल पक्ष में मेले आयोजित होते हैं। साथ ही वर्ष में दो बार चैत्र व आश्विन में नवरात्रा महोत्सव का आयोजन होता है। श्री वांकल वीरात्रा माता धर्मार्थ ट्रस्ट वीरात्रा भेरसिंह सोढ़ा ने बताया कि माघ मेले में विशेषकर नवविवाहित जोड़े अपने सफल जीवन की कामना, नवजात शिशुओं का उपनयन संस्कार विरात्रा धाम के तहत आने वाले 12 मंदिरों की परिक्रमा कर रात्रि विश्राम विरात्रा धाम पर करते हैं। वैसे तो यह मेला माघ सुदी दूज से शुरू हो जाता है। लेकिन यात्रियों का आवागमन माघ सुदी 13, 14 व पूर्णिमा को रहता है। मेले को लेकर विरात्रा ट्रस्ट की ओर से यात्रियों के लिए बिजली, पानी, आवास व भोजन के माकूल बंदोबस्त किए जा रहे हैं। मेले के दौरान पुलिस जवान तैनात रहेंगे। साथ ही डिस्कॉम, जलदाय विभाग व चिकित्सा विभाग की सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। रोडवेज की विशेष मेला बसों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए मोबाइल टॉवर की 24 घंटे व्यवस्था रहेगी। यात्रियों के प्रसाद के लिए अलग से दुकानों की व्यवस्था की जा रही है। इस दौरान भजन पार्टियों की ओर से भजनों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। मेला स्थल पर स्टालें लगाई जाएगी।
वेर माता मंदिर पाटोत्सव 4 को: वांकल विरात्रा माता धर्मार्थ ट्रस्ट के अंतर्गत आने वाले 12 मंदिरों में से वेर माता का मंदिर प्रमुख है। यह मंदिर चौहटन से पांच किलोमीटर दूर चौहटन की पहाड़ी के पीछे स्थित है। वेर माता मंदिर का पाटोत्सव 4 फरवरी सुबह गणेश पूजन, वेर माता पूजन, षोडषोपचार पूजन, हवन किया जाएगा। ध्वजा चढ़ाई जाएगी। पूर्णाहुति दोपहर के बाद होगी। माताजी का महाप्रसाद वितरण किया जाएगा। यह कार्यक्रम पंडित गोपाल दवे के सानिध्य में किया जाएगा। इसी क्रम में तोरणिया माता मंदिर का पाटोत्सव 6 फरवरी को व वांकल माता गढ़ मंदिर विरात्रा धाम में पाटोत्सव कार्यक्रम 7 फरवरी को पंडित कांतिलाल दवे के सानिध्य में मनाया जाएगा। इन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।
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