शादी रुकवाई तो समाज से कर दी 'जुदाई'
प्रशासन को दी थी नाबालिग की शादी की सूचना, पंचों की पंचायत में बेदखली का फरमान, बाद में की पिटाई
बाड़मेर नाबालिग की शादी की शिकायत करने वाले एक शख्स का पूरा परिवार सहमा हुआ है। सहायता के लिए सरकार और उसके मातहतों तक उसकी गुहार को अनसुना कर दिया गया। बाल विवाह रुकवाने के दूसरे ही दिन उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। बच्चों का स्कूल तक जाना छूट गया।
दरअसल रावतसर के भैराराम मेघवाल ने समाज के दो नाबालिग लड़कों की बीती 14 मई को होने वाली शादी की शिकायत प्रशासन व पुलिस को की थी।
शिकायत के बाद उसका अपना समाज उसका दुश्मन बन गया। प्रताडऩा की शिकायत जनसुनवाई में कलेक्टर को की गई। राहत न मिली तो सीएम तक गुहार लगाई लेकिन राहत नहीं मिली। बकौल भैराराम उसके पांच बच्चे हैं। जिसमें से चार बच्चे राजकीय प्राथमिक विद्यालय चौहाणी मेघवालों की ढाणी में पढ़ते हैं। बच्चों को स्कूल में तंग करने के साथ मारपीट की गई। शिकायत कलेक्टर को की गई। इस केस में अब तक उसकी ओर से दर्जनों शिकायतें और ज्ञापन अफसरों को थमाए जा चुके है लेकिन नतीजा सिफर।
मैंने क्या गुनाह किया
॥ 'खुद सरकार और प्रशासन ऐसी सूचना देने को कहता है। मैंने दी तो गलत क्या किया। अब समाज के कहर से बचाने में कोई मदद नहीं कर रहा।'
भैराराम मेघवाल, पीडि़त
एक ने कहा गंभीर, दूजे ने कहा जांच करवाएंगे
इस पूरे मामले में जहां पुलिस अधीक्षक संतोष चालके बच्चों के साथ हुई मारपीट को गलत मानते हुए जांच कराने की बात कह रहे हैं, वहीं कलेक्टर वीणा प्रधान मामले को गंभीर मान रही हैं। बावजूद उसके एक सवाल यहां खड़ा हो रहा है कि जब इतनी बार उसके शिकायतें की और गुहार लगाई तो अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
प्रशासन को दी थी नाबालिग की शादी की सूचना, पंचों की पंचायत में बेदखली का फरमान, बाद में की पिटाई
बाड़मेर नाबालिग की शादी की शिकायत करने वाले एक शख्स का पूरा परिवार सहमा हुआ है। सहायता के लिए सरकार और उसके मातहतों तक उसकी गुहार को अनसुना कर दिया गया। बाल विवाह रुकवाने के दूसरे ही दिन उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। बच्चों का स्कूल तक जाना छूट गया।
दरअसल रावतसर के भैराराम मेघवाल ने समाज के दो नाबालिग लड़कों की बीती 14 मई को होने वाली शादी की शिकायत प्रशासन व पुलिस को की थी।
शिकायत के बाद उसका अपना समाज उसका दुश्मन बन गया। प्रताडऩा की शिकायत जनसुनवाई में कलेक्टर को की गई। राहत न मिली तो सीएम तक गुहार लगाई लेकिन राहत नहीं मिली। बकौल भैराराम उसके पांच बच्चे हैं। जिसमें से चार बच्चे राजकीय प्राथमिक विद्यालय चौहाणी मेघवालों की ढाणी में पढ़ते हैं। बच्चों को स्कूल में तंग करने के साथ मारपीट की गई। शिकायत कलेक्टर को की गई। इस केस में अब तक उसकी ओर से दर्जनों शिकायतें और ज्ञापन अफसरों को थमाए जा चुके है लेकिन नतीजा सिफर।
मैंने क्या गुनाह किया
॥ 'खुद सरकार और प्रशासन ऐसी सूचना देने को कहता है। मैंने दी तो गलत क्या किया। अब समाज के कहर से बचाने में कोई मदद नहीं कर रहा।'
भैराराम मेघवाल, पीडि़त
एक ने कहा गंभीर, दूजे ने कहा जांच करवाएंगे
इस पूरे मामले में जहां पुलिस अधीक्षक संतोष चालके बच्चों के साथ हुई मारपीट को गलत मानते हुए जांच कराने की बात कह रहे हैं, वहीं कलेक्टर वीणा प्रधान मामले को गंभीर मान रही हैं। बावजूद उसके एक सवाल यहां खड़ा हो रहा है कि जब इतनी बार उसके शिकायतें की और गुहार लगाई तो अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
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