बुधवार, 11 जनवरी 2012

तीन मिलावटखोरो को कारावास

तीन मिलावटखोरो को कारावास
खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के तहत कोर्ट ने सुनाई सजा


जैसलमेर  जिले में मिलावटी खाद्य सामग्री पर अंकुश लगाने के लिए चलाए गए अभियान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से न्यायालयों में दायर प्रकरणों में तीन मिलावट खोरो को कोर्ट ने सजा सुनाई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 118 मिलावट खोरो के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए गए थे। उनमें से तीन प्रकरणों में न्यायालय ने सजा सुनाई। विभाग के अनुसार आगामी दिनों में कई और मिलावट खोर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचेंगे।

दो वर्ष कठोर कारावास की सजा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद गोपाल पुरोहित ने बताया कि खाद्य निरीक्षक रेवंतसिंह ने दही विक्रेता प्रदीप कुमार से जैसलमेर शहर में दही का नमूना लेकर उदयपुर जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में दही का नमूना अपमिश्रित पाया गया। इस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को दो वर्ष का कठोर कारावास और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

दो अन्य प्रकरणों में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पोकरण ने दिनेश टोबेको कंपनी जोधपुर के मेनेजर कम नॉमिनी अशोक मेहरा और स्थानीय विक्रेता को गुटखा ब्रांड 2100 जो जांच रिपोर्ट में मिस ब्रांडेड पाया गया था, में उत्पादन और विक्रय करने के आरोप में एक वर्ष का साधारण कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इसी प्रकार साइकिल पर दूध बेचने वाले बगडूराम बिश्नोई के दूध में भी मिलावट पाए जाने पर अभियुक्त को छह माह का साधारण कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई।

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