नवलगढ़ (झुंझुनूं).पास के छोटे से गांव कारी में बिलखते परिजन व रिश्तेदार। घर के बाहर खामोश खड़े लोग। मुंडन करवाता बेटा। भीतर अंतिम संस्कार से पहले की परंपराएं और बाहर सजी हुई अर्थी। ऐसा ही गमगीन नजारा बुधवार सुबह कारी में रामकुमार सिंह राठौड़ के घर का था। परिवार 20 घंटे से शोक में डूबा था कि अचानक खुशी की लहर दौड़ पड़ी। मृत करार दी गई महिला को होश आ गया।
जानकारी के अनुसार गांव की 67 वर्षीय मगन कंवर को 23 जनवरी को जयपुर के सोनी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को दोपहर दो बजे करीब उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना पर पूरा परिवार शोक में डूब गया।
रिश्तेदारों को इसकी सूचना दे दी गई। घरवालों ने बुधवार को कारी में अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। परिजन बुधवार सुबह मगन को लेकर कारी आए। जहां अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी गई। पुत्र सुरेंद्र ने मुंडन भी करवा लिया।
महिलाओं ने मृत घोषित मगन को नहलाने की तैयारी शुरू कर दी। इसी दौरान मगन कंवर खर्राटे भरने लगी। भतीजे किशोर सिंह दौड़कर भीतर गए और देखा कि सांस चल रही है। उन्होंने गांव में कंपाउंडर सुरेश शर्मा को बुलवाया। उसने कहा कि ये जिंदा हैं। वहां के सरकारी अस्पताल में दो-तीन घंटे इलाज के बाद महिला को जयपुर रैफर कर दिया।
गम के आंसू खुशी में बदले
मगन के इकलौते पुत्र सुरेंद्र ने मुंडन करवा लिया था। मां जिंदा है, यह सुनकर पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ। जाकर देखा तो सांस चल रही थी। गम के आंसू की जगह खुशी के आंसू छलक पड़े। सुरेंद्र ने बताया कि यह देवी मां का ही चमत्कार है।
चिकित्सकों का कहना है
डॉ. दिनेश गुप्ता ने बताया कि किन हालात में अस्पताल से छुट्टी दी गई, इस बारे में अधिकृत जानकारी नहीं है। वेंटीलेटर पर रहने वाले मरीज को होप लेस मान लिया होगा।
यहां से रैफर किया तब महिला की बीपी, पल्स व श्वास सामान्य थी लेकिन होश नहीं था। डॉ. अशोक चतुर्वेदी ने बताया कि महिला की हालत में रिकवरी हो रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से मगन के परिजनों को मृत्यु का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है।
ब्रेन हेमरेज के बाद वेंटीलेटर पर लिया था
किशोर सिंह ने बताया जयपुर के दादी का फाटक क्षेत्र में रहने वाली चाची मगन का 23 जनवरी को नहाकर आई और चक्कर आने लगे। उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां चिकित्सकों ने कहा कि मगन को ब्रेन हेमरेज हो गया है। वहां वेंटीलेटर पर लिया गया। दोपहर करीब दो बजे मृत घोषित कर दिया गया। बुधवार सुबह उनके शरीर में हलचल दिखी।
जानकारी के अनुसार गांव की 67 वर्षीय मगन कंवर को 23 जनवरी को जयपुर के सोनी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को दोपहर दो बजे करीब उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना पर पूरा परिवार शोक में डूब गया।
रिश्तेदारों को इसकी सूचना दे दी गई। घरवालों ने बुधवार को कारी में अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। परिजन बुधवार सुबह मगन को लेकर कारी आए। जहां अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी गई। पुत्र सुरेंद्र ने मुंडन भी करवा लिया।
महिलाओं ने मृत घोषित मगन को नहलाने की तैयारी शुरू कर दी। इसी दौरान मगन कंवर खर्राटे भरने लगी। भतीजे किशोर सिंह दौड़कर भीतर गए और देखा कि सांस चल रही है। उन्होंने गांव में कंपाउंडर सुरेश शर्मा को बुलवाया। उसने कहा कि ये जिंदा हैं। वहां के सरकारी अस्पताल में दो-तीन घंटे इलाज के बाद महिला को जयपुर रैफर कर दिया।
गम के आंसू खुशी में बदले
मगन के इकलौते पुत्र सुरेंद्र ने मुंडन करवा लिया था। मां जिंदा है, यह सुनकर पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ। जाकर देखा तो सांस चल रही थी। गम के आंसू की जगह खुशी के आंसू छलक पड़े। सुरेंद्र ने बताया कि यह देवी मां का ही चमत्कार है।
चिकित्सकों का कहना है
डॉ. दिनेश गुप्ता ने बताया कि किन हालात में अस्पताल से छुट्टी दी गई, इस बारे में अधिकृत जानकारी नहीं है। वेंटीलेटर पर रहने वाले मरीज को होप लेस मान लिया होगा।
यहां से रैफर किया तब महिला की बीपी, पल्स व श्वास सामान्य थी लेकिन होश नहीं था। डॉ. अशोक चतुर्वेदी ने बताया कि महिला की हालत में रिकवरी हो रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से मगन के परिजनों को मृत्यु का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है।
ब्रेन हेमरेज के बाद वेंटीलेटर पर लिया था
किशोर सिंह ने बताया जयपुर के दादी का फाटक क्षेत्र में रहने वाली चाची मगन का 23 जनवरी को नहाकर आई और चक्कर आने लगे। उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां चिकित्सकों ने कहा कि मगन को ब्रेन हेमरेज हो गया है। वहां वेंटीलेटर पर लिया गया। दोपहर करीब दो बजे मृत घोषित कर दिया गया। बुधवार सुबह उनके शरीर में हलचल दिखी।
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