शनिवार, 28 जनवरी 2012

भंवरी के अपहरण में इस गैंग से खरीदी थी स्कॉर्पियो!

जोधपुर कमिश्नरेट की स्पेशल टीम ने शुक्रवार को एक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए आठ जनों को गिरफ्तार किया। यह गिरोह सेंट्रल जेल से ही मोबाइल फोन नेटवर्क के जरिए एजेंटों के मार्फत चोरी के लग्जरी वाहनों के सौदे व फर्जी कागजात तैयार करवा रहा था।

गिरोह का सरगना उत्तमचंद बोहरा अभी सेंट्रल जेल में है। उसके इशारे पर ही वाहन चुराए व आगे बेचे जाते हैं। इस गैंग में शामिल सहीराम विश्नोई तीन दिन पहले ही जोधपुर सेंट्रल जेल से रिहा हुआ था। उसने पुलिस के आला अधिकारियों के सामने यह खुलासा कर सबको चौंका दिया कि जेल में हर दूसरे बंदी के पास मोबाइल फोन है।

पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर छह स्कॉर्पियो व पांच बोलेरो जब्त की है। आरोपियों ने पचास से अधिक वाहन चोरियों को अंजाम देना कबूल किया है। इनमें एएनएम भंवरी अपहरण प्रकरण में आरोपी व जेल में बंद हार्डकोर अपराधी विशनाराम व कैलाश जाखड़ के अलावा हार्डकोर मेघसिंह को भी कई गाड़ियां बेचना बताया है।

एडीसीपी ज्योतिस्वरूप शर्मा, हरेंद्र कुमार व प्रतापनगर थानाधिकारी देरावर सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर फलौदी तहसील के खारा गांव निवासी सहीराम विश्नोई, जाजीवाल निवासी हरलाल विश्नोई, बिसलपुर निवासी सुरजाराम विश्नोई, पीथावास निवासी महिपाल विश्नोई, चामू निवासी गजेंद्रसिंह राजपूत, अगासड़ी बाड़मेर निवासी हाकम खां, ढाकों का तला बाड़मेर निवासी सुनिल विश्नोई व मुसलमानों का पाडा कोंजिया बाड़मेर निवासी निहाल खां को गिरफ्तार किया।

इनके अलावा जालेली फौजदारा निवासी बंशीलाल विश्नोई को गिरफ्तार कर पाली पुलिस को सौंप दिया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने 50 से ज्यादा वाहन चोरी की वारदातें करना कबूला है। ये सभी जेल में बंद उत्तमचंद बोहरा के लिए कमीशन पर काम करते थे।

जेल में हर दूसरे बंदी के पास मोबाइल: प्रतापनगर पुलिस थाने में पकड़े गए वाहन चोर गिरोह के सहीराम विश्नोई ने शुक्रवार को अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर ज्योतिस्वरूप शर्मा व हरेंद्र कुमार के सामने यह खुलासा कर सबको चौंका दिया कि जेल में बंद हर दूसरे बंदी के पास मोबाइल है।


एकबारगी यह सुन पुलिस के ये आला अधिकारी भी चौंक पड़े। बाद में बोले कि जेल में बंदियों के पास मोबाइल होने की जानकारी मिली है और हम कार्रवाई करेंगे। थोड़ी देर बाद ही अधिकारियों ने आपस में बातचीत करने के बाद मीडिया को बताया कि हम इस मामले में कार्रवाई नहीं कर सकते। जेल प्रशासन से बात करेंगे और वो ही कार्रवाई करेगा।

मामला उस समय का है जब ये अधिकारी प्रतापनगर पुलिस थाने में वाहन चोरी के अंतरराज्यीय गिरोह के पकड़े जाने के बाद प्रेसवार्ता करने आए थे। आरोपी ने यहां तक कहा कि उसके साथ इस काम में कई बड़े लोग भी शामिल हैं।

आरोपी के इस प्रकार कबूलनामे से सुरक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण जोधपुर जेल की सुरक्षा व जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

टीम को मिलेगा विशेष पुरस्कार
पुलिस उपायुक्त दीपक कुमार ने बताया कि गैंग का पर्दाफाश करने वाले विशेष टीम के सदस्यों को पुरस्कृत किया जाएगा। टीम में प्रभारी सुगनसिंह, हमजा खां, स्वरूपराम, मनोजकुमार, सुरताराम, जमशेद


भंवरी प्रकरण में इसी गैंग की थी गाड़ी

मोबाइल नेटवर्क के जरिए लग्जरी वाहनों की चोरियों को अंजाम देने वाली गैंग ने ही भंवरी के शव को ठिकाने लगाने के आरोपी बिशनाराम को दो पजेरो व दो स्कॉर्पियो सप्लाई की थी।



इनमें एक स्कॉर्पियो तो भंवरी के अपहरण से एक सप्ताह पहले ही बेची गई थी। बताया जा रहा है कि बिशनाराम के साथी कैलाश जाखड़ के पकड़े जाने के बाद पूछताछ में उसने उत्तमचंद बोहरा गैंग से गाड़ी खरीदना बताया।

हाल ही जब पुलिस को यह जानकारी लगी कि गैंग का सदस्य सहीराम जेल से रिहा हो गया है तो पुलिस ने उस पर नजर रखनी शुरू कर दी। गुरुवार को सहीराम व हरलाल प्रतापनगर में चोरी की स्कॉर्पियो का सौदा करने के लिए आए थे तब पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। सहीराम से पूछताछ के बाद शुक्रवार को अन्य आरोपी भी पकड़ में आ गए।

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