वात्सल्य का मौसम
किसीको याद करना
कोई बीमारी नहीं
किसी की कमी खलना
कोई लाचारी नहीं
अंततः
संवेदनशीलता कोई खराबी नहीं
इसका अभाव है
बीमारी कहीं
मुझे मेरे पापा की गंध आती है
मुझे उनकी आवाज़ सुनाई पड़ती है
मैं उनकी उनी कैप पहने
सर्दी में
उनकी गुनगुनाहट महसूस कर रही हूँ
वो कह रहे है
बेटा गीत सुनाओ
और मैं गाती हूँ
- वादियाँ मेरा आँचल ---------
और देखती हूँ
वो शक्श
जिसने परिवार पर ही नहीं
खुद पर भी अत्याचार किये
कितना प्यार करने लागा था
परिवार के सभी को
माँ को भय्या को
और मुझे भी
उसे सब की चिंता होने लगी थी
आई.सी.यू. में
सारे मशीनी उपकरणों से घिरे
और मैं खुश थी
हमारे दिन फिरे
कि तभी
ब्रह्ममूर्त में
न जाने किस एक अशुभ क्षण
मुझे मालूम भी नहीं पड़ा
मैं बाँहों में लिए उन्हें
सोती रहगई
और वो चुपके से
कि मैं जग ना जाऊँ
बिना बाय कहे
औचक बस चले गए
सदा के लिए
जबकि
वात्सल्य का मौसम
अभी शुरू ही हुआ था!
डॉ. शर्मा
डॉ. अरुण शर्मा
किसीको याद करना
कोई बीमारी नहीं
किसी की कमी खलना
कोई लाचारी नहीं
अंततः
संवेदनशीलता कोई खराबी नहीं
इसका अभाव है
बीमारी कहीं
मुझे मेरे पापा की गंध आती है
मुझे उनकी आवाज़ सुनाई पड़ती है
मैं उनकी उनी कैप पहने
सर्दी में
उनकी गुनगुनाहट महसूस कर रही हूँ
वो कह रहे है
बेटा गीत सुनाओ
और मैं गाती हूँ
- वादियाँ मेरा आँचल ---------
और देखती हूँ
वो शक्श
जिसने परिवार पर ही नहीं
खुद पर भी अत्याचार किये
कितना प्यार करने लागा था
परिवार के सभी को
माँ को भय्या को
और मुझे भी
उसे सब की चिंता होने लगी थी
आई.सी.यू. में
सारे मशीनी उपकरणों से घिरे
और मैं खुश थी
हमारे दिन फिरे
कि तभी
ब्रह्ममूर्त में
न जाने किस एक अशुभ क्षण
मुझे मालूम भी नहीं पड़ा
मैं बाँहों में लिए उन्हें
सोती रहगई
और वो चुपके से
कि मैं जग ना जाऊँ
बिना बाय कहे
औचक बस चले गए
सदा के लिए
जबकि
वात्सल्य का मौसम
अभी शुरू ही हुआ था!
डॉ. शर्मा
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