अगर आप घर में हनुमान जी का फोटो या तस्वीर घर में लगाना चाहते हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान रखें। इससे आपके घर पर कोई बुरा साया नहीं पड़ेगा साथ ही घर में सकारात्मक शक्ति बढऩे लगेगी।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में देवी-देवताओं के चित्रों को लगाने से सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर का वातावरण सुकून देने वाला और पवित्र बना रहता है। बाहर से आने वाले लोगों पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। घर में सभी सदस्यों के बीच परस्पर प्रेम सदा बढ़ता रहता है। हनुमानजी के चित्र का महत्व ध्यान में रखते हुए वास्तु में कई नियम बताए गए हैं।
- वास्तु के अनुसार हनुमानजी की फोटो हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखती हुई लगानी चाहिए।
- इसी तरह उत्तर दिशा में हनुमान जी का फोटो लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी ताकत को हनुमान जी रोक देते हैं।
- इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ेगी।
- हनुमान जी फोटो में उड़ते हुए दिखाइ देना चाहिए।
- शक्ति प्रदर्शन की मुुद्रा में हनुमान जी का फोटो लगाने पर घर में किसी भी तरह की बुरी शक्ति प्रवेश नहीं करती।
दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हनुमानजी फोटो इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दिशा में दिखाया है। इस दिशा में ही लंका भी है और सीता की खोज, लंका दहन और राम-रावण का युद्ध भी हुआ है। दक्षिण दिशा में हनुमानजी विशेष बलशाली हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में देवी-देवताओं के चित्रों को लगाने से सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर का वातावरण सुकून देने वाला और पवित्र बना रहता है। बाहर से आने वाले लोगों पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। घर में सभी सदस्यों के बीच परस्पर प्रेम सदा बढ़ता रहता है। हनुमानजी के चित्र का महत्व ध्यान में रखते हुए वास्तु में कई नियम बताए गए हैं।
- वास्तु के अनुसार हनुमानजी की फोटो हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखती हुई लगानी चाहिए।
- इसी तरह उत्तर दिशा में हनुमान जी का फोटो लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी ताकत को हनुमान जी रोक देते हैं।
- इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ेगी।
- हनुमान जी फोटो में उड़ते हुए दिखाइ देना चाहिए।
- शक्ति प्रदर्शन की मुुद्रा में हनुमान जी का फोटो लगाने पर घर में किसी भी तरह की बुरी शक्ति प्रवेश नहीं करती।
दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हनुमानजी फोटो इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दिशा में दिखाया है। इस दिशा में ही लंका भी है और सीता की खोज, लंका दहन और राम-रावण का युद्ध भी हुआ है। दक्षिण दिशा में हनुमानजी विशेष बलशाली हैं।
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