धुली हुई उड़द की दाल और सिंघाड़े का पिसा हुआ चूर्ण 100-100 ग्राम। दाल को शुद्ध घी में अच्छी तरह सेंक कर पीसकर चूर्ण कर लें। दोनों चूर्ण मिला लें। दाल को शुद्ध घी में अच्छी तरह सेंक कर पीसकर चूर्ण मिला लें। इस चूर्ण को एक (चाय वाला) चम्मच मात्रा में लेकर आधा चम्मच शुद्ध घी और 2 चम्मच शहद में मिला कर प्रतिदिन चाट लें।
इसके 10-15 मिनट बाद रात को पानी में डाल कर गलाई हुई बादाम की 2 गिरियां छिलका हटाकर साफ पत्थर पर पानी के साथ चंदन की तरह घिस कर दूध में मिला लें। दूध में थोड़ी शक्कर मिला लें और धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके यह दूध पी जाएं। इसके 3 घंटे बाद भोजन करें। यह बहुत ही पौष्टिक योग है जिसे अविवाहित एवं विवाहित युवक- युवतियां सेवन कर अपना शरीर सुडौल व बलवान बना सकते हैं। यह योग पचने में भारी है।
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