शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

शिविर में बालिकाओं को दी संस्कारों की सीख

शिविर में बालिकाओं को दी संस्कारों की सीख



राजपूत बोर्डिंग में सात दिवसीय संस्कार शिविर का आयोजन

बालोतरा सही रास्ता बताने वाले भगवान का स्वरूप होते हैं। भगवान की चाह के अनुरूप राहों पर चलना ही उनकी सच्ची पूजा है। भगवान की इच्छा के अनुरूप चलने वाले व्यक्ति पर उनकी सदैव कृपा बनी रहती है। वीर दुर्गादास राजपूत बोर्डिंग में चल रहे सात दिवसीय आवासीय संस्कार के पांचवे दिन शिविर में सिख धर्म के निशकंतक आश्रम के संत बाबा जगदेवसिंह ने ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राम, कृष्ण, गुरु नानकदेव व गुरु गोविंदसिंह ने जो रास्ता दिखाया, वही रास्ता श्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि संघ के तनसिंह ने संस्कार निर्माण के लिए श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना संतों के बताए मार्ग के समतुल्य है। इनकी ओर से बताए जाने वाले रास्ते अंधकार से उजियारे की ओर ले जाने वाले है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में टीवी, सीरियल, फिल्मों से मानव अंधकार की ओर जा रहा है। संघ की ओर से बताए गए रास्तों से व्यक्ति इस अंधकार रूपी मार्ग से निकल सकता है। बाबा ने कहा कि संस्कार निर्माण का रास्ता सरल नहीं है, यह एक महान कार्य है। इससे समाज व राष्ट्र का भला होगा। उन्होंने कहा कि शिविर के दौरान सिखाए गए संस्कारों को जीवन में उतारने पर ही शिविर का औचित्य सफल होगा। शिविर संयोजक चंदनसिंह चांदेसरा ने बताया कि कार्यक्रम के प्रारंभ में बाबा जगदेवसिंह का स्वागत किया गया। शिविर संचालक रतनसिंह नगली सीकर ने संघ के कार्यों व उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। सहायक शिविर संचालक अमरसिंह आकली ने आभार प्रकट किया।

रामसिंह माडपुरा ने शिविर में भाग ले रही 150 शिविरार्थी बालिकाओं के बारे में जानकारी दी।

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