इस साल जनवरी में ले. जन. पी के रथ का इसी मामले में कोर्ट मार्शल किया गया था। पिछले साल इस दोनों अधिकारियों सहित तीन को कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में आरोपी ठहराया गया था। इनमें मेजर जनरल पी के सेन भी शामिल हैं।
यह मामला पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सेना की 33वीं कोर मुख्यालय से सटी 70 एकड़ जमीन का है जिसे शैक्षणिक संस्थान बनाने के लिए एक रियल इस्टेट डेवलपर को ट्रांसफर कर दिया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल रथ को बिल्डर दीपक अग्रवाल को एनओसी देने, एमओयू पर दस्तखत करने और हाईकमान को अंधेरे में रखने का दोषी ठहराया गया था।
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