सेना और वन विभाग न्यायलय में भी आमने सामने
सेना ने वन विभाग कि कारवाही पर रोक लगाने कि माग की...........
वही शुक्रवार को सेना कि ओर्र से भी एक प्राथना पत्र दाखिल किया गया है इस प्राथना पत्र में में सेना ने लिखा है कि हमारे आर्मी केम्प में से वन विभाग ने पिछले महीने कि 25 तारीख को तीन चिकारे के सर और मास बरामद किया था और यह आरोप लगाया था कि इसका शिकार हमारे सेनिको ने किया इस पर सेना ने कोर्ट ऑफ़ इन्क्वारी शरू कि थी जिसमे 13 सेनिको के बयान लिए गए है हमने उप वन सरक्षंक को समन भेज कर कोर्ट ऑफ़ इन्क्वारी में शामिल होने के लिए नोटिस दिया था इसके बावजूद उप वन सरक्षंक कोर्ट ऑफ़ इन्क्वारी शामिल नहीं हुए रक्षा प्रवक्ता एस. डी.गोस्वमी के मुताबिक हमने न्यायिक मजिस्ट्रेट कनिष्ठ खंड बाड़मेर में प्राथना पत्र दाखिल किया है कि जब सेना की अपनी जाच कर रही है तो कोई और जाच साथ में नहीं चल सकती है इसलिए न्यालय वन विभाग कि जाच पर रोक लगाए और वन विभाग के अधिकारियो को कोर्ट ऑफ़ इन्क्वारी में शामिल होने के निर्देश दिए जाए इस मामले कि सुनवाई 15 दिसम्बर को रखी गई है इस मामले में अभी तक कोर्ट ऑफ़ इन्क्वारी में एक सिविल गवाह छुगसिंह के बयान होने बाकि है जो कि पिछले चार दिनों से लापता है जिसके बारे में सेना ने बाड़मेर पुलिस अधीशक को से मदद मागी है
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