शनिवार, 3 दिसंबर 2011

जेेईएन व एईएन को पानी चोरों ने बंदी बनाया


जेेईएन व एईएन को पानी चोरों ने बंदी बनाया


गत दो दिनों में दो बार हुई ऐसी वारदातों को लेकर नहरी इंजीनियरों में दहशत का माहौल

जैसलमेर  दो जेईएन व एक एईएन को बंदी बनाकर पानी चोरी करने के मामले को लेकर नहरी कर्मचारियों व अधिकारियों में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया है। इन वारदातों को देखते हुए राजस्थान कौंसिल ऑफ डिप्लोमा इंजीनियर्स ने जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार 30 नवंबर की रात्रि में जेजेडब्ल्यू की टेल के पास कनिष्ठ अभियंता भाकरसिंह को तथा 1 दिसम्बर को सहायक अभियंता केसी गौड़ व कनिष्ठ अभियंता रूपसिंह को भू माफियाओं व अवैध काश्तकारों ने बंदी बनाकर पानी की चोरी की।

इस मामले को लेकर संभाग अध्यक्ष हापूदास वैष्णव ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजकर नहरी पानी रेगुलेशन के लिए लगाए गए इंजीनियर्स व कर्मचारियों की सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऐसे हालात हैं कि नहरी पानी की चोरी के साथ साथ इंजीनियर्स व कर्मचारियों को अपनी जान बचना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने बताया कि इंजीनियर्स व कर्मचारियों द्वारा उच्च अधिकारियों व प्रशासन से सुरक्षा की गुहार करने पर भी उचित सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। वैष्णव ने ज्ञापन में बताया कि पानी रेगुलेशन के समय विशेष पुलिस दल द्वारा चाक चौबंद गश्त राउंड दी क्लॉक लगाई जाना सुनिश्चित किया जाए व पूर्ण सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। आगे के रेगुलेशन के समय इंजीनियर्स व स्टाफ की टीम को तभी भेजा जाए जब उनकी पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था की जाए अन्यथा भूमाफियों के दखल के कारण इंजीनियर्स की सुचारू रेगुलेशन की जिम्मेवारी नहीं होगी।

अवैध काश्तकारों का दबदबा : जानकारी के अनुसार जिले में नहर के पानी से पिछले 17-18 वर्षों से खेती हो रही है, काश्तकार वैध एवं अवैध दोनों तरह से खेती करते आए हैं। इन अवैध काश्तकारों का गिरोह है, इनके द्वारा पानी की चोरी साइफन लगाकर, मोगे बड़े करके, हैड के गेट जोर जबरदस्ती खोलकर व इंजीनियर्स और कर्मचारियों को डरा धमका कर बंदी बनाकर की जा रही है। नहर विभाग के सूत्रों के अनुसार नहरी क्षेत्र में अवैध काश्तकारों का दबदबा है। ये काश्तकार उपनिवेशन भूमि पर अवैध रूप से खेती करके चांदी कूट रहे हैं वहीं ऐसे कई मुरबें जिनके मालिक बाहर रहते हैं, उन मुरबों पर भी अवैध रूप से खेती करते आ रहे हैं। ऐसी भूमि पर रेगुलेशन नहीं होने के कारण ये अवैध काश्तकार जोर जबरदस्ती से पानी मुरबों तक ले जाते हैं।

कई किसान रह जाते हैं वंचित : प्रभावशाली किसानों द्वारा जोर जबरदस्ती से पानी लेने, साइफन लगाकर पानी चोरी करने व मोगे बड़े कर पानी लेने की वजह से नहरी क्षेत्र के कई किसान सिंचाई के पानी से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में इन किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। एक तो नहर में पहले से पानी की कमी रहती है ऊपर से इनकी बारियां कट जाती है।

नहर टूटने का भी भय :नहरी अभियंताओं के अनुसार प्रभावशाली किसान पानी चोरी करने के साथ साथ कई बार हेड के गेट भी खोल देते हैं। ऐसे में उन्हें जानकारी नहीं होती है कि किस माइनर की क्षमता कितनी है, जिससे माइनर व नहर टूटने का भी भय बना रहता है। ऐसा होने पर भारी नुकसान हो सकता है और नहरी क्षेत्र में बाढ़ के हालात भी पैदा हो सकते हैं।

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