कोटा.कस्बे से करीब 25 किलोमीटर दूर आदिवासी गांव मंडेसरा के जंगल में बकरियां चराने गई बालिका से ज्यादती कर उसकी हत्या कर दी गई। आरोपी ने बाद में शव को पेड़ से लटका दिया। मृतक के परिजनों व पुलिस के अनुसार मंडेसरा गांव के भैरूलाल भील की पुत्री गेंदीबाई (12) गुरुवार को रोज की तरह गांव के समीप के जंगल में बकरियां चराने गई थी।
शाम को बकरियां तो घर लौट आईं, लेकिन वह नहीं लौटी। इस पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, मगर देर रात तक भी उसका पता नहीं चला।
इसके बाद शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने फिर उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान दिन में साढ़े ग्यारह बजे लोठियाना मार्ग पर एक पेड़ से बालिका का शव लटका हुआ मिला। उसके कपड़े खून से लथपथ थे। पास ही में चप्पल भी पड़ी हुई थी। सूचना मिलने पर भैंसरोडगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई शुरू की।
शव का रावतभाटा में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। घटना से गांव में शोक व्याप्त हो गया। ग्रामीण सहम हुए हैं। भैंसरोडगढ़ थानाधिकारी श्यामलाल गुर्जर ने बताया कि बालिका से ज्यादती कर गला घोंट कर उसकी हत्या की गई है। उन्होंने संभावना जताई कि आरोपी आसपास के गांव का ही हो सकता है।
मौके पर एएसपी बीएस काला व डीएसपी खुशालसिंह राजपुरोहित भी पहुंचे। रावतभाटा के कार्यवाहक एसडीएम एवं तहसीलदार ओमप्रकाश गुप्ता ने मृतक के परिजनों से जानकारी ली।
खोजी कुत्ते बुलाए, एफएसएल टीम पहुंची
आरोपी का सुराग लगाने के लिए डॉग स्कवाड की टीम बुलाई गई, जो शाम को यहां पहुंची। साथ ही एफएसएल टीम भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य को जुटाने में जुटी है।
चार साल पहले भी हुई थी ऐसी ही घटना
मार्च 2007 में होली के दिन रावतभाटा से 14 किलोमीटर दूर थमलाव गांव में 5 वर्षीय मासूम से ज्यादती कर उसकी हत्या कर दी गई थी। उस घटना के आरोपी का आज तक सुराग नहीं लगा है।
एमओबी टीम को भी लगाया जांच में
रावतभाटा। 12 वर्षीय चरवाहा किशोरी से ज्यादती के बाद हत्या के मामले में चित्तौडगढ़ एसपी विपिन कुमार पांडे ने मॉडर्न कार्य प्रणाली शाखा (एमओबी)को भी जांच में लगाया है। जो आधुनिक तरीके से घटनास्थल के नमूने लेगी और घटना की वैज्ञानिक तरीके से जांच करेगी।
जिस साफी में खाना ले गई, उसी से लगा दिया फंदा
गेंदीबाई जिस साफी में रोटी-सब्जी बांध कर ले गई थी, आरोपी ने उसी साफी से उसके गले में फंदा लगा कर उसकी हत्या की। मौके पर खाना बिखरा पड़ा था। मृतक का पिता भैंरूलाल इस हादसे से इतना अधिक सदमे व खौफजदा था कि वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था। रो-रोकर उसकी आंखों से आंसू सूख चुके थे। उसकी दो बड़ी बेटियों का विवाह हो चुका है। गेंदीबाई उसकी तीसरी बेटी थी। चौथी बेटी सात साल की है।
शाम को बकरियां तो घर लौट आईं, लेकिन वह नहीं लौटी। इस पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, मगर देर रात तक भी उसका पता नहीं चला।
इसके बाद शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने फिर उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान दिन में साढ़े ग्यारह बजे लोठियाना मार्ग पर एक पेड़ से बालिका का शव लटका हुआ मिला। उसके कपड़े खून से लथपथ थे। पास ही में चप्पल भी पड़ी हुई थी। सूचना मिलने पर भैंसरोडगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई शुरू की।
शव का रावतभाटा में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। घटना से गांव में शोक व्याप्त हो गया। ग्रामीण सहम हुए हैं। भैंसरोडगढ़ थानाधिकारी श्यामलाल गुर्जर ने बताया कि बालिका से ज्यादती कर गला घोंट कर उसकी हत्या की गई है। उन्होंने संभावना जताई कि आरोपी आसपास के गांव का ही हो सकता है।
मौके पर एएसपी बीएस काला व डीएसपी खुशालसिंह राजपुरोहित भी पहुंचे। रावतभाटा के कार्यवाहक एसडीएम एवं तहसीलदार ओमप्रकाश गुप्ता ने मृतक के परिजनों से जानकारी ली।
खोजी कुत्ते बुलाए, एफएसएल टीम पहुंची
आरोपी का सुराग लगाने के लिए डॉग स्कवाड की टीम बुलाई गई, जो शाम को यहां पहुंची। साथ ही एफएसएल टीम भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य को जुटाने में जुटी है।
चार साल पहले भी हुई थी ऐसी ही घटना
मार्च 2007 में होली के दिन रावतभाटा से 14 किलोमीटर दूर थमलाव गांव में 5 वर्षीय मासूम से ज्यादती कर उसकी हत्या कर दी गई थी। उस घटना के आरोपी का आज तक सुराग नहीं लगा है।
एमओबी टीम को भी लगाया जांच में
रावतभाटा। 12 वर्षीय चरवाहा किशोरी से ज्यादती के बाद हत्या के मामले में चित्तौडगढ़ एसपी विपिन कुमार पांडे ने मॉडर्न कार्य प्रणाली शाखा (एमओबी)को भी जांच में लगाया है। जो आधुनिक तरीके से घटनास्थल के नमूने लेगी और घटना की वैज्ञानिक तरीके से जांच करेगी।
जिस साफी में खाना ले गई, उसी से लगा दिया फंदा
गेंदीबाई जिस साफी में रोटी-सब्जी बांध कर ले गई थी, आरोपी ने उसी साफी से उसके गले में फंदा लगा कर उसकी हत्या की। मौके पर खाना बिखरा पड़ा था। मृतक का पिता भैंरूलाल इस हादसे से इतना अधिक सदमे व खौफजदा था कि वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था। रो-रोकर उसकी आंखों से आंसू सूख चुके थे। उसकी दो बड़ी बेटियों का विवाह हो चुका है। गेंदीबाई उसकी तीसरी बेटी थी। चौथी बेटी सात साल की है।

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