सेना के प्रार्थना पत्रों पर शुरू हुई सुनवाई

सेना के प्रार्थना पत्रों पर शुरू हुई सुनवाई

बाड़मेर चिंकारा शिकार प्रकरण में सेना की ओर से सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट (कनिष्ठ खण्ड) बाड़मेर में प्रस्तुत दो प्रार्थना-पत्रों पर शुक्रवार को सुनवाई आरंभ हुई। इनमें से एक प्रार्थना पत्र में कहा गया कि चिंकारा प्रकरण में आरोपी सुखसिंह ने सैन्य कर्मियों को चिंकारे के मांस की आपूर्ति की थी। लिहाजा उसे कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के लिए प्रस्तुत किया जाए।

दूसरे प्रार्थना-पत्र में बाड़मेर उप वन संरक्षक बी.आर.भादू और वन विभाग के अनुसंधान अधिकारी शिव के रेंजर महेश कुमार चौधरी को कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में पेश होने के निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

न्यायालय ने सुखसिंह को सेना को सौंपने संबंधी प्रार्थना-पत्र पर आगामी सुनवाई की तारीख 23 दिसम्बर तय की है। उधर, उपवन संरक्षक भादू ने सेना के प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा कि सेना के ऑफिसर कमाडिंग मेजर ए.के.धारवाल ने चिंकारे का मांस खरीदने और यूनिट में लाकर पकाने का जुर्म न्यायालय में प्रस्तुत अपने प्रार्थना-पत्र में स्वीकार किया है। लिहाजा सैन्य अधिकारी के इस प्रार्थना-पत्र को उनका लिखित बयान मानते हुए न्यायालय प्रसंज्ञान लेकर दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करें।

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