भंवरी को ठिकाने लगाने वाले दूसरे गैंग के सरगना विशनाराम का भाई ओमप्रकाश पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। हिस्ट्रीशीटर विशनाराम विश्नोई का भाई ओमप्रकाश किसी ट्रक में बैठ कर पंजाब भागने की फिराक में था, मगर पुलिस ने उसे बाड़मेर में दबोच लिया। अब पुलिस और सीबीआई उससे पूछताछ कर विशनाराम कहां है, यह जानने का प्रयास कर रही है।
सीबीआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सोहनलाल, शहाबुद्दीन और बलदेव ने 1 सितंबर को भंवरी का अपहरण किया और नेवरा रोड पर विशनाराम के दूसरे गैंग को सौंप दिया। इन तीनों के अलावा पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, लूणी से विधायक मलखान सिंह, पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम विश्नोई व उसका साथी उमेशाराम पकड़ा गया, मगर भंवरी का अब तक पता नहीं चला।
भंवरी का पता लगाने के लिए सीबीआई को विशनाराम की जरूरत है, मगर वह भूमि घोटाले के मुकदमों में एक साल से फरार चल रहा है। भंवरी को ठिकाने भी उसने फरारी के दिनों में ही लगाया था। विशनाराम का कहीं सुराग नहीं लगा रहा था, इस बीच शुक्रवार को जब उसका छोटा भाई ओमप्रकाश पकड़ा गया तो उम्मीद बढ़ी है कि अब विशनाराम का भी पता चल जाएगा। ओमप्रकाश भी भूमि घोटाले के 41 मुकदमों में वांछित है।
सीबीआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सोहनलाल, शहाबुद्दीन और बलदेव ने 1 सितंबर को भंवरी का अपहरण किया और नेवरा रोड पर विशनाराम के दूसरे गैंग को सौंप दिया। इन तीनों के अलावा पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, लूणी से विधायक मलखान सिंह, पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम विश्नोई व उसका साथी उमेशाराम पकड़ा गया, मगर भंवरी का अब तक पता नहीं चला।
भंवरी का पता लगाने के लिए सीबीआई को विशनाराम की जरूरत है, मगर वह भूमि घोटाले के मुकदमों में एक साल से फरार चल रहा है। भंवरी को ठिकाने भी उसने फरारी के दिनों में ही लगाया था। विशनाराम का कहीं सुराग नहीं लगा रहा था, इस बीच शुक्रवार को जब उसका छोटा भाई ओमप्रकाश पकड़ा गया तो उम्मीद बढ़ी है कि अब विशनाराम का भी पता चल जाएगा। ओमप्रकाश भी भूमि घोटाले के 41 मुकदमों में वांछित है।
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