बंद कमरे में हुई सुनवाई, भंवरी मामले में सीबीआई ने पेश की रिपोर्ट!



भंवरी को तलाशने में नाकाम रही पुलिस व सीबीआई को हाईकोर्ट ने दिए15 दिसंबर तक का समय।

जोधपुर. एएनएम भंवरी देवी अपहरण मामले में उसके पति अमरचंद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के तहत सीबीआई गुरुवार को हाईकोर्ट में एक बार फिर बंद लिफाफे में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की। सीबीआई ने हाईकोर्ट से मांग की कि कोर्ट से बंद कमरे में इस मामले की महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहते हैं। यह सुनवाई दोपहर 2 बजे शुरू की गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को 15 दिसंबर तक समय दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि सीबीआई भंवरी मामले में अहम मोड़ पर आ गई है। इस रिपोर्ट में भंवरी जिंदा है अथवा मारी गई इसका ठोस सबूत होगा, इसमें संदेह ही है।

पुलिस और सीबीआई इस मामले में गिरफ्तार शहाबुद्दीन, सोहनलाल व बलदेव से 50 दिन तक पूछताछ कर चुकी है, फिर भी यह राज नहीं खुला कि भंवरी कहां और किस हालत में है। भंवरी के साथ क्या हुआ, यह सिर्फ सहीराम जानता है और तमाम कोशिशों के बावजूद वह पकड़ में नहीं आया है। दूसरी ओर चार दिन पहले दिल्ली गए सीबीआई एसपी राकेश राठी स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए बुधवार को जोधपुर लौटे। सर्किट हाउस में उन्होंने सीबीआई के डीआईजी अशोक तिवारी व पुलिस की स्पेशल टीम के डीआईजी गिर्राजलाल मीणा से रिपोर्ट पर चर्चा की। पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा अस्वस्थ होने के कारण नहीं आ पाए तो सीबीआई ने शाम को उनके भाई हरलाल और सेवानिवृत्त एएसपी आईदनराम को बुला कर पूछताछ की। दिन में जुड़ निवासी सोहनलाल व भंवरी के ड्राइवर फारुक से भी पूछताछ की।

हाईकोर्ट ने दी थी 10 दिन की मोहलत : भंवरी को तलाशने में नाकाम रही पुलिस व सीबीआई को हाईकोर्ट ने 14 नवंबर को दस दिन की मोहलत और दी थी। साथ ही यह टिप्पणी भी की थी कि यह जांच अनंत काल के लिए नहीं चल सकती। यह अवधि गुरुवार को खत्म हो रही है। इससे पहले भी हाईकोर्ट 13 अक्टूबर को ‘सरकार नामजद लोगों से पूछताछ करना चाहती है अथवा नहीं’, 11 अक्टूबर को‘ऐसी कमजोर सरकार नहीं देखी’, 26 सितंबर को ‘जांच में जानबूझ कर देरी कर रहे हैं’ और 22 सितंबर को ‘भंवरी अपहरण की जांच सीबीआई को क्यों? क्या राज्य पुलिस नाकारा है?’ जैसी कड़ी टिप्पणियां कर चुका है।


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