लखनऊ।। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कर्नाटक में आस्था के नाम पर अनुसूचित जाति के लोगों के जूठे पत्तलों पर लोटने की प्रथा को बंद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस प्रथा पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
मायावती ने एक बयान में कहा कि चर्म रोगों के इलाज के नाम पर इस प्रथा का जारी रहना तकलीफदेह है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार को इस गलत प्रथा पर तुरंत बैन लगाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कर्नाटक में जारी इस प्रथा को भारतीय संविधान के समानता के अधिकारों के खिलाफ बताया और कहा कि इलाज के बहाने 'जातिवादी' लोग अनुसूचित जाति के लोगों के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सबसे दुखद यह है कि मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग समेत देश के किसी भी आयोग ने अभी तक इस प्रथा के खिलाफ कुछ नहीं कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हिन्दी चैनल पर पिछले साल जब इस प्रथा से जुड़ी खबर आई थी तो उन्होंने ही देश में सबसे पहले इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई थी।
मायावती ने एक बयान में कहा कि चर्म रोगों के इलाज के नाम पर इस प्रथा का जारी रहना तकलीफदेह है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार को इस गलत प्रथा पर तुरंत बैन लगाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कर्नाटक में जारी इस प्रथा को भारतीय संविधान के समानता के अधिकारों के खिलाफ बताया और कहा कि इलाज के बहाने 'जातिवादी' लोग अनुसूचित जाति के लोगों के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सबसे दुखद यह है कि मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग समेत देश के किसी भी आयोग ने अभी तक इस प्रथा के खिलाफ कुछ नहीं कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हिन्दी चैनल पर पिछले साल जब इस प्रथा से जुड़ी खबर आई थी तो उन्होंने ही देश में सबसे पहले इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई थी।
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