बुधवार, 9 नवंबर 2011

किसी काम का श्री गणेश करना हो तो जानिए बुधवार के मुहुर्त...



जब भी कोई नया या शुभ या मांगलिक कार्य प्रारंभ किया जाए तो उसकी सफलता के भगवान से प्रार्थना करना चाहिए। इसके साथ ही ध्यान रखें कि कार्य का शुभारंभ शुभ चौघडिय़े में ही हो। रोज के कार्यों के लिए जरूरी है चौघडिय़ा देखकर शुभारंभ किया जाए या यात्रा के लिए निकला जाए।
ज्योतिष के अनुसार बताए गए उत्तम चौघडिय़े से हमारे कार्य के पूर्ण होने की संभावनाएं काफी अधिक बढ़ जाती हैं।
जानिए बुधवार को कब-कब है अच्छे चौघडिय़े और कब-कब हैं बुरे चौघडिय़े...
प्रात: 6 बजे से 7.30 तक लाभ
प्रात: 7.30 बजे से 9 बजे तक अमृत
प्रात: 9 बजे से 10.30 बजे तक काल
प्रात: 10.30 बजे से 12 बजे तक शुभ
दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक रोग
दोप. 1.30 बजे से 3 बजे तक उद्वेग
दोप. 3 बजे से 4.30 बजे तक चर
शाम 4.30 बजे से 6 बजे तक लाभ
शाम 6 बजे से 7.30 तक उद्वेग
शाम 7.30 बजे से 9 बजे तक शुभ
रात 9 बजे से 10.30 बजे तक अमृत
रात 10.30 बजे से 12 बजे तक चर
रात 12 बजे से 1.30 बजे तक रोग
रात 1.30 बजे से 3 बजे तक काल
रात 3 बजे से 4.30 बजे तक लाभ
रात 4.30 बजे से 6 बजे तक उद्वेग
जानिए, कौन से श्रेष्ठ चौघडिय़े और कौन से हैं अशुभ चौघडिय़े...
उत्तम चौघडिय़े- अमृत, शुभ, लाभ और चर हैं।
अशुभ चौघडिय़े- उद्वेग, रोग तथा काल हैं।
उत्तम चौघडिय़े में ही कार्य का प्रारंभ करना चाहिए जबकि अशुभ चौघडिय़े में नया कार्य प्रारंभ करने से बचना चाहिए।

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