स्वामी प्रतापपुरी तारातरा मठ के उत्तराधिकारी
बाड़मेर। राज्य गोसेवा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष स्वामी प्रतापपुरी महाराज को तारातरा मठ का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है। उनके गुरू महंत मोहनपुरी महाराज ने साधु संतों की उपस्थिति यह निर्णय किया।
तारातरा मठ में साधु संतों व आस-पास के गांवों के मौजिज लोगों की बैठक हुई, जिसमें चौहटन स्थित डूंगरपुरी मठ के महंत जगदीशपुरी, परेऊ मठ के महंत ओंकार भारती, भिंयाड़ मठ के महंत नारायणपुरी, गंगागिरीजी का मठ के महंत खुशालगिरी, जगरामपुरी, गिरधारपुरी, सेजपुरी, रतनसिंह बाखासर, तनसिंह चौहान, राणसिंह तारातरा, पूर्व सरपंच खीमाराम देवासी, उगमसिंह राणीगांव, पदमसिंह राणीगांव, शंकरलाल जैन, जयसिंह तारातरा, आईदानसिंह, मालाराम, देवीसिंह राजपुरोहित, जेठाराम चौधरी सहित कई जने शामिल हुए। गौरतलब है कि स्वामी प्रतापपुरी हरियाणा के झझर गुुरूकुल से संस्कृत में शास्त्री की उपाधि प्राप्त है।
बाड़मेर। राज्य गोसेवा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष स्वामी प्रतापपुरी महाराज को तारातरा मठ का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है। उनके गुरू महंत मोहनपुरी महाराज ने साधु संतों की उपस्थिति यह निर्णय किया।
तारातरा मठ में साधु संतों व आस-पास के गांवों के मौजिज लोगों की बैठक हुई, जिसमें चौहटन स्थित डूंगरपुरी मठ के महंत जगदीशपुरी, परेऊ मठ के महंत ओंकार भारती, भिंयाड़ मठ के महंत नारायणपुरी, गंगागिरीजी का मठ के महंत खुशालगिरी, जगरामपुरी, गिरधारपुरी, सेजपुरी, रतनसिंह बाखासर, तनसिंह चौहान, राणसिंह तारातरा, पूर्व सरपंच खीमाराम देवासी, उगमसिंह राणीगांव, पदमसिंह राणीगांव, शंकरलाल जैन, जयसिंह तारातरा, आईदानसिंह, मालाराम, देवीसिंह राजपुरोहित, जेठाराम चौधरी सहित कई जने शामिल हुए। गौरतलब है कि स्वामी प्रतापपुरी हरियाणा के झझर गुुरूकुल से संस्कृत में शास्त्री की उपाधि प्राप्त है।
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