पत्नी के हत्यारे कांस्टेबल को उम्र कैद
बाड़मेर करीब डेढ़ साल पहले बाड़मेर पुलिस लाइन में पत्नी के सिर पर गैस सिलेंडर से वार कर हत्या करने के आरोपी को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक बाड़मेर गणेशीराम ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।
मामला गत वर्ष 19 मई 2010 की रात्रि करीब एक बजे का है। हत्यारे पुलिस कांस्टेबल राणाराम पुत्र अचला राम दायमा (ढोली) के कांस्टेबल पुत्र जसवंत राज ने तत्कालीन कोतवाली थानाधिकारी बुधाराम को लिखित रिपोर्ट दी कि वह पुलिस लाइन के क्वाटर नं. ए-12 में सो रहा था। नीचे स्थित उसके नाम अलॉट क्वाटर नं. ए-7 में उसके पिता राणाराम व माता जेठी देवी सो रहे थे। रात्रि में चिल्लाने की आवाजें आई तो वह भागता हुआ नीचे आया। पड़ोसियों के साथ दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे तो देखा उसकी मां जेठी देवी खून से सनी हुई रसोई के पास बिस्तर पर पड़ी है। उसका भेजा (सिर) बाहर निकला था, पास ही खून से सना गैस सिलेंडर पड़ा था और उसके पिता खड़े थे।
पूछने पर उन्होंने बताया कि पत्नी के सिर पर गैस सिलेंडर से वार कर उन्होंने ही मारा है। पुलिस ने मौके पर ही आरोपी को गिरफ्तार कर जांच के बाद न्यायालय में चालान पेश किया। मामले में राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक महेंद्र पिथाणी ने पैरवी की। वहीं आरोपी की ओर से अधिवक्ता कन्हैयालाल जैन व राजेश विश्नोई ने पैरवी की। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक बाड़मेर गणेशीराम ने आरोपी को भादंसं की धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ ही दो हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना अदा नहीं करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास के आदेश दिए।
बाड़मेर करीब डेढ़ साल पहले बाड़मेर पुलिस लाइन में पत्नी के सिर पर गैस सिलेंडर से वार कर हत्या करने के आरोपी को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक बाड़मेर गणेशीराम ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।
मामला गत वर्ष 19 मई 2010 की रात्रि करीब एक बजे का है। हत्यारे पुलिस कांस्टेबल राणाराम पुत्र अचला राम दायमा (ढोली) के कांस्टेबल पुत्र जसवंत राज ने तत्कालीन कोतवाली थानाधिकारी बुधाराम को लिखित रिपोर्ट दी कि वह पुलिस लाइन के क्वाटर नं. ए-12 में सो रहा था। नीचे स्थित उसके नाम अलॉट क्वाटर नं. ए-7 में उसके पिता राणाराम व माता जेठी देवी सो रहे थे। रात्रि में चिल्लाने की आवाजें आई तो वह भागता हुआ नीचे आया। पड़ोसियों के साथ दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे तो देखा उसकी मां जेठी देवी खून से सनी हुई रसोई के पास बिस्तर पर पड़ी है। उसका भेजा (सिर) बाहर निकला था, पास ही खून से सना गैस सिलेंडर पड़ा था और उसके पिता खड़े थे।
पूछने पर उन्होंने बताया कि पत्नी के सिर पर गैस सिलेंडर से वार कर उन्होंने ही मारा है। पुलिस ने मौके पर ही आरोपी को गिरफ्तार कर जांच के बाद न्यायालय में चालान पेश किया। मामले में राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक महेंद्र पिथाणी ने पैरवी की। वहीं आरोपी की ओर से अधिवक्ता कन्हैयालाल जैन व राजेश विश्नोई ने पैरवी की। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक बाड़मेर गणेशीराम ने आरोपी को भादंसं की धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ ही दो हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना अदा नहीं करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास के आदेश दिए।
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