गुरुवार, 3 नवंबर 2011

घर घर जगेगी अलख राजस्थानी भाषा की



म्हारी जुबान रो तालों खोलों अभियान के तहत 

घर घर जगेगी अलख राजस्थानी भाषा की 

मोटियार परिषद की टीमें गठित 

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संषर्ष समिति बाड़मेर के तत्वाधान में राजस्थानी मोतीयार परिषद बाड़मेर शहर में घर घर से राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिये पोस्टकार्ड भिजवाए जाएगें। इसके लिए मोटियार परिषद की तीन टीमें गठित की गई है। 
समिति के महासचिव विजय कुमार ने बताया कि सघर्ष समिति बाड़मेर में जन जागरण अभियान का आगाज कर आम आदमी को इस अभियान से जोड़ेगे। जिसके तहत प्रत्येक घर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सांसद को राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए पोस्टकाड भेज आग्रह किया जाएगा। 

जिला पाटवी रिड़मलसिंह दांता ने बताया कि नवगठित राजस्थानी मोटियार परिषद के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की तीन टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें शहरी क्षेत्र के प्रत्येक घर से चार चार पोस्टकार्ड लिखा कर भिजवाऐ जाएगें। संयोजक चन्दनसिंह भाटी ने बताया कि म्हारी जुबान रो तालों खोलो अभियान के तहत चलाए जा रहे पोस्टकार्ड अभियान को ओर गति दी जा रही है। आमजन अपनी मायड़ भाषा की अस्मिता से जुड़े कार्यक्रम से सीधे जुड़े रहे है। उन्होने बताया कि राजस्थानी भाषा शिक्षक चिन्तन परिषद के गठन का कार्य पूरा कर लिया गया है। कार्यकारिणी की घोषणा शीघ्र की जाएगी। इस अभियान में अभिभाषक तथा महिला मोर्चा के गठन की तैयारी पूर्ण कर ली है। राजस्थानी मोटियार परिषद के पाटवी रघुवीरसिंह तामलोर ने बताया कि बाड़मेर शहर के प्रत्येक वार्ड में पोस्टकार्ड अभियान चलाकर प्रत्येक घर से चार चार पोस्टकार्ड भिजवाएं जाएगें। इसके लिये मोटियार परिषद के कार्यकर्ताओं की टीमों का गठन किया गया है। शहरी क्षेत्र के बाद ग्रामीण अचलों से भी पोस्टकार्ड भिजवाए जाएगें। इस संबंध में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें दलपतसिंह परमार, दीपक माली, अमृत जैन, एडवोकट कैलाशसिंह कोटड़िया, एडवोकेट खुमानसिंह सो़ा, एडवोकेट भगवानसिह रोहिली, एडवोकेट मलार खां, एडवोकेट सुनील के मेराजा व अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे। 

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