पाकिस्तान से सटी जैसलमेर सीमा पर बीएसएफ की फील्ड फायरिंग रेंज बनकर तैयार हो गई हैं। अगले सप्ताह इस रेंज में फायरिंग का ट्रायल शुरू हो जाएगा।
रेंज की विधिवत शुरुआत होने के बाद मोर्टार, राकेट लॉन्चर, ग्रेनेड व राइफल सहित तमाम हथियारों से निशाने दागने का ट्रायल शुरू होगा। बीएसएफ के नए डीजी इस फायरिंग रेंज का उद्घाटन करेंगे। जैसलमेर के शाहगढ़ बल्ज इलाके में बीएसएफ की फील्ड फायरिंग रेंज की तारबंदी पूरी हो गई हैं।
मोर्टार, राकेट, लॉन्चर, ग्रेनेड व राइफल आदि के लिए ट्रैक तैयार हो गए हैं। बीएसएफ जैसलमेर के डीआईजी डॉ.बीआर मेघवाल ने मंगलवार को रेंज का अवलोकन किया। ट्रैक पर अगले सप्ताह बीएसएफ के जवान ट्रायल शुरू कर देंगे ।
बॉर्डर पर पहली और सबसे अत्याधुनिक रेंज :
डॉ.मेघवाल ने बताया कि फायरिंग रेंज बनकर तैयार हो गई हैं। यह पाकिस्तान से सटी सीमा पर सबसे बड़ी व अत्याधुनिक फील्ड फायरिंग रेंज होंगी। अब तक बीएसएफ को सेना की फायरिंग रेंज में अभ्यास करना पड़ता था। इस रेंज पर दो करोड़ रुपए खर्च हुए।
रेंज की विधिवत शुरुआत होने के बाद मोर्टार, राकेट लॉन्चर, ग्रेनेड व राइफल सहित तमाम हथियारों से निशाने दागने का ट्रायल शुरू होगा। बीएसएफ के नए डीजी इस फायरिंग रेंज का उद्घाटन करेंगे। जैसलमेर के शाहगढ़ बल्ज इलाके में बीएसएफ की फील्ड फायरिंग रेंज की तारबंदी पूरी हो गई हैं।
मोर्टार, राकेट, लॉन्चर, ग्रेनेड व राइफल आदि के लिए ट्रैक तैयार हो गए हैं। बीएसएफ जैसलमेर के डीआईजी डॉ.बीआर मेघवाल ने मंगलवार को रेंज का अवलोकन किया। ट्रैक पर अगले सप्ताह बीएसएफ के जवान ट्रायल शुरू कर देंगे ।
बॉर्डर पर पहली और सबसे अत्याधुनिक रेंज :
डॉ.मेघवाल ने बताया कि फायरिंग रेंज बनकर तैयार हो गई हैं। यह पाकिस्तान से सटी सीमा पर सबसे बड़ी व अत्याधुनिक फील्ड फायरिंग रेंज होंगी। अब तक बीएसएफ को सेना की फायरिंग रेंज में अभ्यास करना पड़ता था। इस रेंज पर दो करोड़ रुपए खर्च हुए।
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