गुरुवार, 3 नवंबर 2011

आधी रात बाद पेट्रोल 1.82 रूपए महंगा

आधी रात बाद पेट्रोल 1.82 रूपए महंगा

नई दिल्ली। आखिरकार इंडियन ऑयल कंपनी ने गुरूवार को पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी का ऎलान कर दिया। कंपनी ने पेट्रोल के दामों में प्रति लीटर 1.82 रूपए का इजाफा किया है। बढ़ी दरें गुरूवार रात 12 बजे से प्रभावी हो जाएंगी। मंगलवार को ही इस तरह के संकेत मिलने लगे थे कि पेट्रोल की कीमतों में तेल कंपनिया बढ़ोतरी कर सकती है। सबसे पहले इंडियन ऑयल कंपनी ने दाम बढ़ाने की पहल की, माना जा रहा है कि अन्य तेल कंपनियां भी जल्द ही पेट्रोल की दरों में इजाफा कर सकती है। बीते एक साल में नौवी बार पेट्रोल के दाम बढ़े हैं। बढ़ी कीमतों से पेट्रोल दिल्ली में 68.86 रूपए प्रति लीटर, जयपुर में 72.92, भोपाल में 73.70, कोलकाता में 73.10 रूपए प्रति लीटर की दर से मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एक तेल विक्रेता कम्पनी ने कच्चे तेल की कीमत अधिक होने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूपए की कीमत गिरने के कारण पेट्रोल की कीमत बढ़ाने पर विचार करने की बात कही थी।

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के वित्त निदेशक बी. मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि अभी हमें प्रति लीटर पेट्रोल पर 1.50 रूपए का नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई के लिए पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 1.82 रूपए बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विषय पर दूसरी तेल कम्पनियों से बातचीत चल रही है।

उनके मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 108 रूपए प्रति बैरल के आस पास चल रही है, जबकि रूपए की कीमत तीन माह पहले 46.50 रूपये प्रति डॉलर से घटकर 49 रूपये प्रति डॉलर पर आ गई है। इसके कारण आयात पर खर्च बढ़ गया है।

एचपीसीएल को मंगलवार को 3,364 करोड़ रूपए का शुद्ध नुकसान हुआ। देश में आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की कीमत 1-16 अक्टूबर को 103.63 डॉलर प्रति बैरल चल रही थी, जो अब बढ़कर 108.73 डॉलर प्रति बैरल हो गई है।

उधर, बुधवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी मंत्री ने माना कि पिछले दिनों पेट्रोल की कीमत पांच रूपए प्रति लीटर बढ़ाने के बाद और वृद्धि उचित नहीं है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें नियंत्रित पेट्रोलियम उत्पादों पर जल्द ही एक बैठक की उम्मीद है।

रेड्डी ने कहा कि मैंने मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की एक बैठक करने के लिए कहा है। यह बैठक संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने के पहले होगी। मंत्रियों के इस समूह की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी करते हैं। बैठक संसद के शीतकालीन सत्र से पहले होगी। संसद का शीतकालीन सत्र 22 नवंबर से शुरू हो रहा है।

मंत्री ने कहा कि तेल विक्रेता कम्पनियों की पूंजी का मूल्यांकन अधिक बढ़ा-चढ़ाकर नहीं किया जाना चाहिए। इस कारोबारी साल में बाजार दर से कम कीमत पर पेट्रोलियम उत्पाद बेचने के कारण उनका नुकसान 1,30,000 करोड़ रूपए तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि तेल कम्पनियों को जल्दी ही विदेशी बैंकों से तो दूर भारतीय बैंकों से भी ऋण मिलना कठिन हो जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें