30 दिन बीते, अब भी अंधेरे में तीर चला रही है पुलिस
जोधपुर एएनएम भंवरी देवी अपहरण कांड में पुलिस 30 दिन से हाथ-पैर मार रही है, लेकिन भंवरी का कहीं सुराग नहीं लगा है। पुलिस को 15 दिन तक जांच की सही दिशा ही नहीं मिली, वह झांसी व ओराई में भंवरी को तलाशती रही। बाद में दूसरी दिशा मिली तब तक मुख्य सूत्रधार शहाबुद्दीन और साजिश में शामिल पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम विश्नोई फरार हो गया।
भंवरी जिंदा है अथवा उसकी हत्या कर दी गई, इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल पाया है। भंवरी के पति अमरचंद नट ने कथित सीडी को लेकर जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा पर अपहरण के आरोप लगाए, अनुसंधान में इन कडिय़ों को जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने 23 दिन पहले पीएचईडी ठेकेदार सोहनलाल को गिरफ्तार किया था और शुक्रवार को शहाबुद्दीन के साथी बलदेव को भी गिरफ्तार किया है, मगर अब तक भंवरी का पता नहीं चला है।
ग्रामीणों ने किए पुलिस पर हमले :
जोधपुर सहित पूरे प्रदेश और यूपी, हरियाणा तक हाथ-पैर मार चुकी पुलिस को पंद्रह दिनों तक नाकामी ही हाथ लगी। सीकर, चूरू व कापरड़ा से कुछ लोगों को पकड़ा, वे बेकसूर निकले। सोहनलाल का पोलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत कोर्ट ने नहीं दी। चार दिन पहले आरोपी बलदेव को पकडऩे कापरड़ा गए तो ग्रामीणों ने इंस्पेक्टर व एसआई के हाथ-पैर तोड़ दिए। दो सिपाही भी जख्मी हो गए। दूसरे दिन फिर दबिश देने गए तब भी ग्रामीणों के पत्थर खाने पड़े।
इनाम की घोषणा बेअसर
शहाबुद्दीन को पुलिस ने 15 सितंबर को अपहरण का मुख्य सूत्रधार माना, उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। फिर पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम को 21 सितंबर को साजिश रचने वाला बताया गया। उस पर भी 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया। भंवरी की सूचना देने वाले के लिए पहले से इनाम घोषित था। फोटो जारी होने तथा इनाम की घोषणाओं के बावजूद पुलिस को पास भंवरी अथवा आरोपियों, किसी की कोई सूचना नहीं मिली।
दो गिरफ्तार, रहस्य बरकरार
अब तक सोहनलाल और बलदेव, महज दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। सोहनलाल ने भंवरी को बिलाड़ा बुलाया था, बलदेव मुख्य आरोपी शहाबुद्दीन का साथी है। शहाबुद्दीन की गाड़ी में भंवरी को बैठे देखा गया था, बाद में उसे किसके हाथों में सौंपा, यह पता नहीं चला है। भंवरी के साथ क्या हुआ, यह शहाबुद्दीन बता सकता है मगर वह फरार है। अपहरण की वजह सहीराम जानता है, मगर वह भी फरार है। शुक्रवार को कापरड़ा में खेतों से बलदेव को गिरफ्तार किया गया। अब उससे पूरी कहानी जानने का प्रयास किया जा रहा है।
दबाव में पुलिस का अनुसंधान
दलितों का जिले भर में प्रदर्शन, केबिनेट मंत्री का नाम उछलने, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में हाईकोर्ट की फटकार और बेकसूरों को पकडऩे में हुई सरकार की फजीहत, अब मुख्य आरोपियों की फरारी, हर तरह के दबाव में हो रहा है पुलिस का अनुसंधान। इसी दबाव के कारण ग्रामीण एसपी पूरे मामले में मौन हैं, जांच अधिकारी एएसपी हिम्मत अभिलाष टाक के मुंह खोलने पर रोक है, रेंज आईजी उमेश मिश्रा भी संभल कर संक्षिप्त बात ही कर रहे हैं।
शहाबुद्दीन या सहीराम से पता चलेगी कहानी
॥पंद्रह दिनों से फरार अपहरण के आरोपी बलदेव उर्फ बालिया को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर भी 2 हजार रुपए का इनाम घोषित था। शहाबुद्दीन व सहीराम की तलाश जारी है। इन दोनों की गिरफ्तारी से ही पूरी कहानी पता चलेगी।
उमेश मिश्रा, आईजी, जोधपुर रेंज।
जोधपुर एएनएम भंवरी देवी अपहरण कांड में पुलिस 30 दिन से हाथ-पैर मार रही है, लेकिन भंवरी का कहीं सुराग नहीं लगा है। पुलिस को 15 दिन तक जांच की सही दिशा ही नहीं मिली, वह झांसी व ओराई में भंवरी को तलाशती रही। बाद में दूसरी दिशा मिली तब तक मुख्य सूत्रधार शहाबुद्दीन और साजिश में शामिल पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम विश्नोई फरार हो गया।
भंवरी जिंदा है अथवा उसकी हत्या कर दी गई, इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल पाया है। भंवरी के पति अमरचंद नट ने कथित सीडी को लेकर जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा पर अपहरण के आरोप लगाए, अनुसंधान में इन कडिय़ों को जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने 23 दिन पहले पीएचईडी ठेकेदार सोहनलाल को गिरफ्तार किया था और शुक्रवार को शहाबुद्दीन के साथी बलदेव को भी गिरफ्तार किया है, मगर अब तक भंवरी का पता नहीं चला है।
ग्रामीणों ने किए पुलिस पर हमले :
जोधपुर सहित पूरे प्रदेश और यूपी, हरियाणा तक हाथ-पैर मार चुकी पुलिस को पंद्रह दिनों तक नाकामी ही हाथ लगी। सीकर, चूरू व कापरड़ा से कुछ लोगों को पकड़ा, वे बेकसूर निकले। सोहनलाल का पोलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत कोर्ट ने नहीं दी। चार दिन पहले आरोपी बलदेव को पकडऩे कापरड़ा गए तो ग्रामीणों ने इंस्पेक्टर व एसआई के हाथ-पैर तोड़ दिए। दो सिपाही भी जख्मी हो गए। दूसरे दिन फिर दबिश देने गए तब भी ग्रामीणों के पत्थर खाने पड़े।
इनाम की घोषणा बेअसर
शहाबुद्दीन को पुलिस ने 15 सितंबर को अपहरण का मुख्य सूत्रधार माना, उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। फिर पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम को 21 सितंबर को साजिश रचने वाला बताया गया। उस पर भी 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया। भंवरी की सूचना देने वाले के लिए पहले से इनाम घोषित था। फोटो जारी होने तथा इनाम की घोषणाओं के बावजूद पुलिस को पास भंवरी अथवा आरोपियों, किसी की कोई सूचना नहीं मिली।
दो गिरफ्तार, रहस्य बरकरार
अब तक सोहनलाल और बलदेव, महज दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। सोहनलाल ने भंवरी को बिलाड़ा बुलाया था, बलदेव मुख्य आरोपी शहाबुद्दीन का साथी है। शहाबुद्दीन की गाड़ी में भंवरी को बैठे देखा गया था, बाद में उसे किसके हाथों में सौंपा, यह पता नहीं चला है। भंवरी के साथ क्या हुआ, यह शहाबुद्दीन बता सकता है मगर वह फरार है। अपहरण की वजह सहीराम जानता है, मगर वह भी फरार है। शुक्रवार को कापरड़ा में खेतों से बलदेव को गिरफ्तार किया गया। अब उससे पूरी कहानी जानने का प्रयास किया जा रहा है।
दबाव में पुलिस का अनुसंधान
दलितों का जिले भर में प्रदर्शन, केबिनेट मंत्री का नाम उछलने, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में हाईकोर्ट की फटकार और बेकसूरों को पकडऩे में हुई सरकार की फजीहत, अब मुख्य आरोपियों की फरारी, हर तरह के दबाव में हो रहा है पुलिस का अनुसंधान। इसी दबाव के कारण ग्रामीण एसपी पूरे मामले में मौन हैं, जांच अधिकारी एएसपी हिम्मत अभिलाष टाक के मुंह खोलने पर रोक है, रेंज आईजी उमेश मिश्रा भी संभल कर संक्षिप्त बात ही कर रहे हैं।
शहाबुद्दीन या सहीराम से पता चलेगी कहानी
॥पंद्रह दिनों से फरार अपहरण के आरोपी बलदेव उर्फ बालिया को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर भी 2 हजार रुपए का इनाम घोषित था। शहाबुद्दीन व सहीराम की तलाश जारी है। इन दोनों की गिरफ्तारी से ही पूरी कहानी पता चलेगी।
उमेश मिश्रा, आईजी, जोधपुर रेंज।
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