सांकड़ा बीईईओ एपीओ
पोकरण। पंचायत समिति सांकड़ा में कार्यरत ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षाधिकारी राजकुमार विश्नोई को अगले आदेश की प्रतीक्षा में निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर में लगाया गया है। शिक्षा विभाग की ओर से गुरूवार को जारी आदेश के अनुसार उन्हें प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए बीईईओ सांकड़ा के पद से हटाते हुए एपीओ किया गया है।
उन्हें अपनी उपस्थिति निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर में देने का आदेश दिया गया है। गौरतलब है कि पंचायत समिति सांकड़ा के प्रधान व बीईईओ विश्नोई के बीच गत लम्बे समय से विद्यालयों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्तियों को लेकर विवाद
चल रहा था। जिसके चलते प्रधान ने कई बार उन्हें हटाने की मांग भी की थी।
एपीओ के कारणों का खुलासा नहीं
ब्लॉक शिक्षाधिकारी सांकड़ा को एपीओ किया गया है। आदेश में कारणों का खुलासा नहीं है। उनके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच शिक्षा विभाग जोधपुर के उपनिदेशक कर रहे हैं।
प्रभुलाल मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक), जैसलमेर
बुखार से बालिका की मौत
पोकरण भीखोड़ाई में शुक्रवार को एक बालिका की बुखार से मौत हो गई।कई दिनों से बुखार से पीडि़त पीडू (11) पुत्री अमानाराम मेघवाल को शुक्रवार को जोधपुर ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि मलेरिया की वजह से उसकी मौत हुई है।
बोलेरो पलटी, 21 घायल
जैसलमेर। जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर बांधा गांव के समीप आसूतार मार्ग पर शुक्रवार सुबह बोलेरो वाहन पलटने से 21 लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल पांच व्यक्तियों को जोधपुर रेफर किया गया है।
फलेड़ी गांव से कुछ लोग शुक्रवार सुबह गजुओं की ढाणी में एक शोक बैठक में भाग लेने जा रहे थे। करीब साढ़े ग्यारह बजे आसूतार मार्ग पर बोलेरो एकाएक अनियंत्रित होकर पलट गई। दुर्घटना के बाद शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण व राहगीर मौके पर पहुंचे और घायलों को वाहन से बाहर निकाला। सूचना मिलने पर एंबुलेंस-108 भी मौके पर पहुंची। घायलों को दो एंबुलेंस व एक निजी वाहन से जैसलमेर के जवाहिर अस्पताल लाया गया। इससे पूर्व रामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कुछ लोगों का प्राथमिक उपचार कर जैसलमेर अस्पताल भेजा गया।
नहरी इलाके में फैला मलेरिया
बाप कस्बे के नहरी इलाकों में मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है। बीते दो सप्ताह में हुई मौतों के बाद विभाग हरकत में आया है, मगर मलेरिया बेकाबू हो रहा है। अब नहरी क्षेत्र में रोगी सामने आ रहे हैं।
कस्बे को मलेरिया की दृष्टि से हाई अलर्ट करने के बाद चिकित्सा महकमे की नजर बाप पर टिकी है। मलेरिया नियंत्रण के लिए डॉक्टरों की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में लगी है। लेकिन अभी भी रोगी सामने आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नहरी क्षेत्र के आस पास मच्छरों की भरमार है। यहां बुखार और मलेरिया का असर अधिक देखने में आ रहा है। सांवरा गांव के सरपंच पहाड़ सिंह ने भी शुक्रवार को प्रशासनिक बैठक में कहा कि नहरी क्षेत्र मलेरिया की चपेट में है। यहां पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है। आस पास बबूल की झाडिय़ां पसरी है। इन झाडिय़ों को कटवाना जरूरी है। साथ ही मच्छरों के उन्मूलन के लिए कार्रवाई की जाए।
प्रशासन जागा, डॉक्टरों को दिए निर्देश
कस्बे में मलेरिया पर नियंत्रण के लिए प्रशासन की नींद खुली है। शुक्रवार को प्रशासन व चिकित्सा महकमे ने बैठक में स्थिति की समीक्षा की। एडीएम फलौदी मानाराम पटेल ने कहा कि कस्बे को मलेरिया से छुटकारा दिलाने के लिए डॉक्टरों को जुट जाना चाहिए। इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।
बच्चों को कुनैन की अग्रिम डोज दें
समीक्षा बैठक में प्रशासन ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को और गांव ढाणियों में लोगों को मलेरिया से बचने के लिए अग्रिम तौर पर कुनैन की डोज दें। एडीएम ने सरपंचों से कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे डीडीटी व एमएलओ पर जो मजदूर लगाए जा रहे हैं, उनका भुगतान ग्राम स्वास्थ्य कमेटी को मिलने वाले फं ड से करे। बैठक में एडीएम पटेल ने बाप सरपंच भगवानदास कुमावत को बाप की स्वच्छता का ध्यान देने को कहा।
40 गांव हाई रिस्क घोषित
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. सुरेंद्रसिह शेखावत ने बताया कि गत साल मलेरिया में हाई रिस्क रहे 40 गांवों को इस साल भी प्राथमिकता दी जा रही है। इन गांवों में डीडीटी छिड़काव, एमएलओ तथा तालाबों व पोखरों में टैमीफॉस डाला जा रहा हैं। टीमें गांव गांव जाकर उपचार व कुनैन की गोलियां वितरित कर रही हैं। पिछले साल जिन गांवों में मलेरिया का प्रकोप अधिक रहा था, उन गांवों को इस बार भी चिह्नित किया गया है। इस प्रकार इन गांवों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इन गांवों के लोगों को जागरूक किया जा रहा है और अपील की जा रही है कि जहां भी पानी का भराव है वहां जला हुआ तेल डाला जाए, ताकि मच्छरों के लार्वा खत्म किए जा सके।
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