शनिवार, 10 सितंबर 2011

साम्प्रदायिक हिंसा बिल पर यूपीए में दरार

साम्प्रदायिक हिंसा बिल पर यूपीए में दरार

नई दिल्ली। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा तैयार किए गए साम्प्रदायिक हिंसा बिल पर यूपीए सरकार में ही मतभेद बनने नजर आ रहे हैं। शनिवार कोप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में यूपीए की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस ने इस पर आपित्त जताते हुए इसे देश का एकात्मक और संघीय ढांचा तोड़ने वाला बताया।

वहीं एनडीए शासित राज्यों ने भी इस बिल के मसौदे पर सवाल खड़े किए। भाजपा ने इसे देश के लिए खतरनाक बताया। वरिष्ठ भाजपा नेता और अरूण जेटली और सुषमा स्वराज ने तैयार किए गए साम्प्रदायिक हिंसा बिल को गैर धर्मनिरपेक्ष बताया।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली इस बैठक में भाजपा ने बिल की सार्थकता पर सवाल उठाए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और उड़ीसा के नवीन पटनायक ने भी बिल का विरोध किया। यही नहीं कांग्रेस पार्टी की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस भी इस बिल के प्रति नाराजगी जता चुकी है। गौरतलब है कि इससे पहले एनआईसी की आखिरी बैठक अक्टूबर,2008 में हुई थी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें