अहमदाबाद. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मांग की है कि पाकिस्तान से अजमेर शरीफ दरगाह पर जियारत के लिए आने वाले लोगों को वीजा देने की प्रक्रिया आसान की जानी चाहिए। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के सालाना सम्मेलन में मोदी ने गुरुवार को यह मांग की। मोदी ने कहा, 'बड़ी संख्या में पाकिस्तानी क्रिकेट मैच देखने भारत आते हैं। उनमें से कई अजमेर शरीफ जाने की भी ख्वाहिश रखते हैं। पर उनका वीजा सिर्फ मैचस्थल के लिए ही होता है। इस प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए।'मोदी ने भारतीय मूल के लोगों के लिए कुंभ मेला में आने के लिए हवाई किराया में सब्सिडी देने की मांग भी रखी। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कह डाला कि उन्हें नहीं पता कि केंद्र की यूपीए सरकार उनके विचार को धर्मनिरपेक्ष रूप में लेगी या नहीं, लेकिन इस पहल से पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने कहा कि कुंभ मेला के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को उसी रूप में लेना चाहिए जैसे हजयात्रियों को दी जाती है।
मोदी ने अभी 17 से 19 सितंबर तक गुजरात में 'सद्भावना मिशन' के नाम पर तीन दिन का उपवास रखा था, तो उसमें भी बड़ी संख्या में मुसलमानों को बुलाया था और सर्वधर्म सद्भाव की बात की थी। हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को यह बात पसंद नहीं आई थी। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) को भी यह नागवार गुजरा था और गुरुवार को तो इसके दो कार्यकर्ता इस बात को लेकर आपस में भिड़ गए। अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त सुधीर सिन्हा के मुताबिक वीएचपी के अल्पेश पटेल ने कुछ दिन पहले एक अन्य सदस्य नरेंद्र खोलिया को एक एसएमएस भेजा था। यह एसएमएस मोदी के उपवास में मुसलमानों की शिरकत को लेकर था। गुरुवार को जब ये दोनों वीएचपी कार्यकर्ता संगठन मुख्यालय में मिले तो इनके बीच कहासुनी हुई और पटेल ने खोलिया को कमरे में बंद कर मारा-पीटा। सिन्हा ने बताया कि एसएमएस में 'मियाजी' और 'शिवाजी' जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया था।
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