पासपोर्ट शाखा इंचार्ज ने विदेशियों से बनाई काली कमाई
बाड़मेर के प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की इजाजत देने व वीजा अवधि बढ़ाने के लिए वसूली मनमानी फीस
बाड़मेर में सीआईडी पासपोर्ट शाखा इंचार्ज के पद पर रहते हुए पिछले छह साल में प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की इजाजत देने और वीजा अवधि बढ़ाने के नाम पर विदेशी नागरिकों से मनमानी फीस वसूलने के आरोपी खेताराम के काली कमाई करने के पुख्ता सबूत मिले हैं। कुछ समय पूर्व इस मामले का खुलासा होने पर खेताराम को सस्पेंड कर भरतपुर भेज दिया गया था। उसके खिलाफ चल रही आरंभिक जांच में विदेशियों से अवैध रूप से लाखों रुपए वसूलने की पुष्टि हो गई है। सीआईडी डिप्टी ने विदेशियों से अवैध रूप से 20 से 30 हजार रुपए तक वसूलने की बड़ी तादाद में फर्जी रसीदें जब्त की हैं। जांच रिपोर्ट अगले सप्ताह तक सीआईडी मुख्यालय जयपुर भेजी जाएगी। उसके आधार पर खेताराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। बाड़मेर में पिछले एक दशक से विदेशी पर्यटकों के अलावा तेल व गैस खोज, लिग्नाइट व पावर प्लांट आदि प्रोजेक्ट के लिए विदेशी विशेषज्ञों की बड़ी संख्या में आवाजाही रही है। बाड़मेर में रोजाना औसतन 50 से 60 विदेशी सीआईडी की पासपोर्ट शाखा में अपनी आमद करवाते हैं। बाड़मेर सीआईडी में वर्ष 1995 से कार्यरत खेताराम को वर्ष 2005 में हैंड कांस्टेबल के रूप में पदोन्नत कर पासपोर्ट शाखा का जिम्मा सौंपा गया था। जांच में सामने आया कि तब से उसने विदेशियों से आमद करवाने पर भी 15 से 25 हजार रुपए फीस लेना शुरू कर दिया, जबकि आमद पर कोई फीस नहीं है। यही नहीं, वीजा अवधि बढ़ाने की फीस दो हजार रुपए है तो खेताराम प्रति विदेशी नागरिक 24 से 30 हजार रुपए तक फीस वसूल करता था।
इसी तरह बाड़मेर के सीमावर्ती प्रतिबंधित एरिया में विदेशियों को कलेक्टर की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं मिल सकता। कलेक्टर अनुमति देने से पूर्व सीआईडी से विदेशी के बारे में जांच करवाते हैं। खेताराम उस जांच के नाम पर भी विदेशियों से हजारों रुपए वसूल लेता था। वह वीजा अवधि खत्म होने पर उसे बढ़ाने से लेकर तमाम अन्य मामलों में भी विदेशियों से तय फीस से कई गुना राशि वसूल कर लेता था। रुपए लेकर वह वीजा की अवधि खत्म होने के बावजूद विदेशियों को रहने की इजाजत भी दे देता था।
अगले सप्ताह भेजेंगे रिपोर्ट
पासपोर्ट शाखा इंचार्ज के खिलाफ जांच में विदेशियों से अवैध रूप से रुपए वसूलने की पुष्टि हुई है। सबूत के तौर पर विदेशियों को दी अधिक राशि की रसीदें भी जब्त की है। रिपोर्ट अगले सप्ताह मुख्यालय भेज दी जाएगी।
-एस. परिमला, एसपी, सीआईडी जोन
बाड़मेर के प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की इजाजत देने व वीजा अवधि बढ़ाने के लिए वसूली मनमानी फीस
बाड़मेर में सीआईडी पासपोर्ट शाखा इंचार्ज के पद पर रहते हुए पिछले छह साल में प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की इजाजत देने और वीजा अवधि बढ़ाने के नाम पर विदेशी नागरिकों से मनमानी फीस वसूलने के आरोपी खेताराम के काली कमाई करने के पुख्ता सबूत मिले हैं। कुछ समय पूर्व इस मामले का खुलासा होने पर खेताराम को सस्पेंड कर भरतपुर भेज दिया गया था। उसके खिलाफ चल रही आरंभिक जांच में विदेशियों से अवैध रूप से लाखों रुपए वसूलने की पुष्टि हो गई है। सीआईडी डिप्टी ने विदेशियों से अवैध रूप से 20 से 30 हजार रुपए तक वसूलने की बड़ी तादाद में फर्जी रसीदें जब्त की हैं। जांच रिपोर्ट अगले सप्ताह तक सीआईडी मुख्यालय जयपुर भेजी जाएगी। उसके आधार पर खेताराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। बाड़मेर में पिछले एक दशक से विदेशी पर्यटकों के अलावा तेल व गैस खोज, लिग्नाइट व पावर प्लांट आदि प्रोजेक्ट के लिए विदेशी विशेषज्ञों की बड़ी संख्या में आवाजाही रही है। बाड़मेर में रोजाना औसतन 50 से 60 विदेशी सीआईडी की पासपोर्ट शाखा में अपनी आमद करवाते हैं। बाड़मेर सीआईडी में वर्ष 1995 से कार्यरत खेताराम को वर्ष 2005 में हैंड कांस्टेबल के रूप में पदोन्नत कर पासपोर्ट शाखा का जिम्मा सौंपा गया था। जांच में सामने आया कि तब से उसने विदेशियों से आमद करवाने पर भी 15 से 25 हजार रुपए फीस लेना शुरू कर दिया, जबकि आमद पर कोई फीस नहीं है। यही नहीं, वीजा अवधि बढ़ाने की फीस दो हजार रुपए है तो खेताराम प्रति विदेशी नागरिक 24 से 30 हजार रुपए तक फीस वसूल करता था।
इसी तरह बाड़मेर के सीमावर्ती प्रतिबंधित एरिया में विदेशियों को कलेक्टर की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं मिल सकता। कलेक्टर अनुमति देने से पूर्व सीआईडी से विदेशी के बारे में जांच करवाते हैं। खेताराम उस जांच के नाम पर भी विदेशियों से हजारों रुपए वसूल लेता था। वह वीजा अवधि खत्म होने पर उसे बढ़ाने से लेकर तमाम अन्य मामलों में भी विदेशियों से तय फीस से कई गुना राशि वसूल कर लेता था। रुपए लेकर वह वीजा की अवधि खत्म होने के बावजूद विदेशियों को रहने की इजाजत भी दे देता था।
अगले सप्ताह भेजेंगे रिपोर्ट
पासपोर्ट शाखा इंचार्ज के खिलाफ जांच में विदेशियों से अवैध रूप से रुपए वसूलने की पुष्टि हुई है। सबूत के तौर पर विदेशियों को दी अधिक राशि की रसीदें भी जब्त की है। रिपोर्ट अगले सप्ताह मुख्यालय भेज दी जाएगी।
-एस. परिमला, एसपी, सीआईडी जोन
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