वॉशिंगटन।। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक बेकार हो चुका उसका सैटलाइट भारतीय समय के मुताबिक करीब पौने एक बजे धरती पर गिर गया। छह साल पहले ही बेकार हो चुके अपर एटमोस्फियर रिसर्च सैटलाइट (यूएआरएस) के गिरने की जगह की पुष्टि नहीं हो पाई है।

हालांकि, ट्विटर पर दावा किया जा रहा है कि यह कनाडा में गिरा है। इसके मुताबिक, सैटलाइट के टुकडे़ पश्चिमी कनाडा के कैलगरी इलाके में ओकोटॉक्स कस्बे में गिरे हैं। दावों की पुष्टि के लिए इन इलाकों में टुकड़ों की खोज की रही है। अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
आशंका जताई जा रही है कि सैटलाइट के टुकड़े प्रशांत और हिंद महासागार में भी गिरे हो सकते हैं। इसके गिरने से पहले कहा गया था कि 75 करोड़ डॉलर के इस सैटलाइट के पृथ्वी पर पहुंचने से पहले 26 बड़े टुकड़ों में टूटने की संभावना है। इसका मलबा 800 किलोमीटर के इलाके में बिखर सकता है।
छह टन वजन का यह सैटलाइट 20 साल पुराना है। यूएआरएस 2005 में ही बेकार हो चुका था और पिछले छह सालों से अंतरिक्ष में भटक रहा था। यूएआरएस नासा के स्काईलैब के बाद तीन दशकों में गिरने वाला अमेरिका का सबसे बड़ा सैटलाइट है। स्काईलैब पश्चिम ऑस्ट्रेलिया में 1979 में नष्ट हुआ था।
हालांकि, ट्विटर पर दावा किया जा रहा है कि यह कनाडा में गिरा है। इसके मुताबिक, सैटलाइट के टुकडे़ पश्चिमी कनाडा के कैलगरी इलाके में ओकोटॉक्स कस्बे में गिरे हैं। दावों की पुष्टि के लिए इन इलाकों में टुकड़ों की खोज की रही है। अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
आशंका जताई जा रही है कि सैटलाइट के टुकड़े प्रशांत और हिंद महासागार में भी गिरे हो सकते हैं। इसके गिरने से पहले कहा गया था कि 75 करोड़ डॉलर के इस सैटलाइट के पृथ्वी पर पहुंचने से पहले 26 बड़े टुकड़ों में टूटने की संभावना है। इसका मलबा 800 किलोमीटर के इलाके में बिखर सकता है।
छह टन वजन का यह सैटलाइट 20 साल पुराना है। यूएआरएस 2005 में ही बेकार हो चुका था और पिछले छह सालों से अंतरिक्ष में भटक रहा था। यूएआरएस नासा के स्काईलैब के बाद तीन दशकों में गिरने वाला अमेरिका का सबसे बड़ा सैटलाइट है। स्काईलैब पश्चिम ऑस्ट्रेलिया में 1979 में नष्ट हुआ था।
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