जोधपुर।राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को एएनएम भंवरी अपहरण मामले की सुनवाई के दौरान पेश की गई डायरी देख अनुसंधान अधिकारी को आड़े हत्थे लेते हुए पुलिस को फटकार लगाई। न्यायधीश ने कहा इस मामले में जिस तरह से अनुसंधान किया गया है, वह असंतोष जनक है। हाईकोर्ट ने पुलिस को सफाई पेश करने के लिए 26 सितंबर को पुलिस महानिरीक्षक जोधपुर रेंज को व्यक्तिगत तौर पर तलब किया है। यह आदेश न्यायाधीश संतीग लोढ़ा और सीएम तोतला ने सुनवाई के दौरान दिए।
भंवरी का पति अमरचंद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान प्रद्युम्न सिंह ने सरकार की ओर से जवाब पेश किया। साथ ही मामले के अनुसंधान अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष भी पेश हुए। सरकार की ओर से कहा गया कि 1 सितंबर को भंवरी सोहनलाल के बुलाने पर उसके यहां गई थी।
इसके बाद उसने शहाबु्दीन को बिलाड़ा अस्पताल के पास बुलाय और उसके साथ भंवरी देवी चली गई। पूछताछ में सोहनलाल ने पुलिस कुछ नाम बताए हैं। जिसमें से कुछ लोग फरार है। पुलिस ने अलग अलग टीमें बनाई है व फरार आरोपियों के लिए अवार्ड भी घोषित किए हैं। इस पर अदालत ने अनुसंधान अधिकारी से ढीली जांच करने पर उठाए सवाल और कहा संतोषप्रद जवाब नहीं है।
इस मामले की जांच सीबीआई से करने के आदेश पर खंडपीठ ने कहा किस के आदेश पर सीबीआई से जांच की पहल की गई है। इस पर उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए सरकार ने ही सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि क्या सरकार ने मान लिया है कि उसकी पुलिस नकारा व पक्षपाती है।
सुनवाई के दौरान अमरचंद के अधिवक्ता संदीप शाह ने कहा कि काल डिटेल में एक पुलिस एसआई लखाराम का नाम सामने आया है, उसका क्या हुआ, उसे अब तक प्राइज पोस्टिंग देकर जैसलमेर लगाया गया है। इस पर अनुसंधान अधिकारी ने कहा कि लखाराम के बयान लिए गए हैं।
खंडपीठ ने पुलिस से पूछा कि अब तक किस-किस के नाम सामने आए हैं। इस पर उन्होंने किसी भी वीआईपी के नाम के रिकॉर्ड पर नहीं होने का कहा। इस पर न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने अनुसंधान अधिकारी को आगे आने का कहा व डायस पर उसको केस डायरी में लिखी तीन लाइनें पढऩे के लिए कहा और पूछा यह किसका नाम है? इस पर अधिकारी ने कहा कि यह तो सोहनलाल ने बताया था, इस पर न्यायाधीश लोढ़ा ने अधिकारी को फटकारते हुए पूछा कि इससे अब तक पूछताछ क्यों नहीं की? क्या पुलिस अनुसंधान भी पिक एंड चूज से करती है। उन्होंने पुलिस अनुसंधान पर घोर असंतोष जताते हुए 26 सितंबर को आई पुलिस को अब तक की पुलिस कार्याही पर सफाई देने के निर्देश दिए।
भंवरी का पति अमरचंद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान प्रद्युम्न सिंह ने सरकार की ओर से जवाब पेश किया। साथ ही मामले के अनुसंधान अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष भी पेश हुए। सरकार की ओर से कहा गया कि 1 सितंबर को भंवरी सोहनलाल के बुलाने पर उसके यहां गई थी।
इसके बाद उसने शहाबु्दीन को बिलाड़ा अस्पताल के पास बुलाय और उसके साथ भंवरी देवी चली गई। पूछताछ में सोहनलाल ने पुलिस कुछ नाम बताए हैं। जिसमें से कुछ लोग फरार है। पुलिस ने अलग अलग टीमें बनाई है व फरार आरोपियों के लिए अवार्ड भी घोषित किए हैं। इस पर अदालत ने अनुसंधान अधिकारी से ढीली जांच करने पर उठाए सवाल और कहा संतोषप्रद जवाब नहीं है।
इस मामले की जांच सीबीआई से करने के आदेश पर खंडपीठ ने कहा किस के आदेश पर सीबीआई से जांच की पहल की गई है। इस पर उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए सरकार ने ही सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि क्या सरकार ने मान लिया है कि उसकी पुलिस नकारा व पक्षपाती है।
सुनवाई के दौरान अमरचंद के अधिवक्ता संदीप शाह ने कहा कि काल डिटेल में एक पुलिस एसआई लखाराम का नाम सामने आया है, उसका क्या हुआ, उसे अब तक प्राइज पोस्टिंग देकर जैसलमेर लगाया गया है। इस पर अनुसंधान अधिकारी ने कहा कि लखाराम के बयान लिए गए हैं।
खंडपीठ ने पुलिस से पूछा कि अब तक किस-किस के नाम सामने आए हैं। इस पर उन्होंने किसी भी वीआईपी के नाम के रिकॉर्ड पर नहीं होने का कहा। इस पर न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने अनुसंधान अधिकारी को आगे आने का कहा व डायस पर उसको केस डायरी में लिखी तीन लाइनें पढऩे के लिए कहा और पूछा यह किसका नाम है? इस पर अधिकारी ने कहा कि यह तो सोहनलाल ने बताया था, इस पर न्यायाधीश लोढ़ा ने अधिकारी को फटकारते हुए पूछा कि इससे अब तक पूछताछ क्यों नहीं की? क्या पुलिस अनुसंधान भी पिक एंड चूज से करती है। उन्होंने पुलिस अनुसंधान पर घोर असंतोष जताते हुए 26 सितंबर को आई पुलिस को अब तक की पुलिस कार्याही पर सफाई देने के निर्देश दिए।
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